Bribery Case: घूसखोरी के मामले में तीन इंजीनियर गिरफ्तार, CBI की विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा
Bribery Case: CBI ने घूसखोरी के अलग-अलग मामलों में डाक विभाग और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के तीन इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है. तीनों इंजीनियरों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया.
Bribery Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने घूसखोरी के अलग-अलग मामलों में डाक विभाग और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के तीन इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है. तीनों इंजीनियरों को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक इनमें पहले मामले में अंबाला कैंट के सब डिवीजन में तैनात कार्यकारी अभियंता आलोक सक्सेना और सहायक इंजीनियर कुलभूषण को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में शिकायतकर्ता ठेकेदार ने सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत की थी कि उसने पोस्टल सिविल सब डिवीजन के डाकघर कैथल हरियाणा की एमडीजी भवन और कैथल के गुना इलाके में डाकघर भवन का निर्माण कराया था. इस मामले में जब वह अपनी पेमेंट लेने के लिए सहायक अभियंता कुलभूषण के ऑफिस में मिले तो आरोप के मुताबिक सहायक अभियंता ने ₹10,000 रिश्वत की मांग की.
सहायक अभियंता गिरफ्तार
सीबीआई ने जाल बिछाकर सहायक अभियंता को गिरफ्तार कर लिया. उससे पूछताछ के दौरान पता चला कि रिश्वत की राशि वर्तमान प्रभारी अभियंता आलोक सक्सेना के साथ बांटी जानी थी. इस पर जांच पड़ताल के बाद इंजीनियर आलोक सक्सेना को भी गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के फौरन बाद दोनों के ठिकानों पर छापेमारी की गई. जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक दूसरा मामला केंद्रीय लोक निर्माण विभाग चंडीगढ़ का है. इस मामले में भी में भी ठेकेदार ने सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत की थी कि उसने सीपीडब्ल्यूडी के सेक्टर 17 चंडीगढ़ में स्थित एजी ऑफिस पंजाब भवन में जिम और शिशु ग्रह में मरम्मत कार्य किया था और इसके बदले उसे लगभग 14 लाख रुपये के बिल का भुगतान लेना था.
आरोप है कि जब उसने अपने बिल भुगतान की बाबत केंद्रीय लोक निर्माण विभाग चंडीगढ़ के सहायक अभियंता अक्षय कुमार के कार्यालय में संपर्क किया तो वहां उससे उसकी राशि को पेमेंट करने के बदले 55 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई. शिकायत के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाया और रिश्वत ले रहे सहायक अभियंता को गिरफ्तार कर लिया. तीनों अभियंताओं को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया. जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है.
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