Farmers Rally And Key Demands: दिल्ली (Delhi) के तालकटोरा स्टेडियम में 5 अप्रैल को 'मजदूर-किसान संघर्ष रैली' का आयोजन किया जाएगा. मजदूरों और किसानों जुड़े मुद्दों को लेकर तीन बड़े किसान संगठनों की ओर से इस रैली का आयोजन किया जाना है. सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियंस (CITU), अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) और ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन (AIAWU) इसमें शामिल हैं. अलग-अलग राज्यों से लोग रैली में जुटेंगे. मंगलवार (21 मार्च) को दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये किसान संगठनों की ओर से यह जानकारी दी गई.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इकोनॉमिस्ट प्रभात पटनायक ने बताया कि किसानों और मजदूरों की कुछ मांगों को लेकर इस विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रैली को बड़ा बनाने के लिए हर जिले के अलग-अलग गांवों और कस्बों में जाकर लोगों से बातचीत की गई है और उन्हें जोड़ा गया है.
400 से ज्यादा जिलों में किए गए संयुक्त सम्मेलन-AIKS
ऑल इंडिया किसान सभा की तरफ से हन्नान मोल्लाह ने कहा कि किसान-मजदूर रैली ऐतिहासिक साबित होगी. उन्होंने कहा, ''देशभर में जनता की मांगों को लेकर व्यापक अभियान चल रहा है. जनवरी में संयुक्त राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने के बाद अभियान की योजना बनाने और रैली को लेकर लामबंदी करने के लिए 400 से ज्यादा जिलों में जिला स्तरीय संयुक्त सम्मेलन आयोजित किए गए हैं.''
'दिल्ली चलो की आवाज गांव-गांव में उठी है'
संगठनों की ओर से कहा गया, ''तालकटोरा स्टेडियम में हम इकट्ठा होंगे, किसान-मजदूर आएंगे और एक आवाज के साथ आएंगे. दिल्ली चलो की आवाज गांव-गांव में उठी है और बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होंगे.'' प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन मांगों के बारे में भी बताया गया, जिन्हें लेकर रैली का आयोजन किया जाना है. आइये जानते हैं.
मजदूर-किसान संघर्ष रैली की मांगें
- योजना मजदूरों समेत सभी श्रेणी के मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और पेंशन 10,000 रुपये सुनिश्चित की जाए. काम का कोई ठेकेदारीकरण न हो और 'अग्निपथ योजना' समाप्त की जाए.
- गारंटीकृत खरीद के साथ सभी कृषि उपजों के लिए कानूनी तौर पर MSP सी2+50 प्रतिशत की दर से सुनिश्चित किया जाए.
- केंद्र सरकार की ओर से सभी गरीब और मध्यम वर्गीय किसानों और खेतिहर मजदूरों का कर्ज एकमुश्त तरीके से माफ किया जाए. 60 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को पेंशन दी जाए.
- चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक 2022 को खत्म किया जाए.
- सभी के लिए नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. मनरेगा का विस्तार किया जाए और न्यूनतम वेतन की दर 600 रुपये प्रतिदिन के साथ कार्य दिवस बढ़ाकर 200 किए जाएं. बकाया वेतनों का भुगतान किया जाए. एक राष्ट्रीय शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम बनाया जाए.
- सार्वजनिक उद्यमों और सार्वजनिक सेवाओं का निजीकरण बंद किया जाए. राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) को बंद किया जाए.
- महंगाई पर रोक लगाई जाई. खाद्य पदार्थों और जरूरी चीजों पर GST वापस लिया जाए, पेट्रोल-डीजल, मिट्टी के तेल और रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क को पर्याप्त तौर कम किया जाए. रसोई गैस के दामों में की गई बढ़ोतरी को तुरंत वापस लिया जाए.
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को आसान किया जाए और 14 जरूरी चीजों को शामिल करने के साथ इसके दायरे का विस्तार किया जाए. सभी गैर-करदाता परिवारों को भोजन और आय सहायता सुनिश्चित की जाए.
- वन अधिकार अधिनियम (FRA) का कड़ाई से कार्यान्वयन किया जाए. वन (संरक्षण) अधिनियम और नियम संशोधन वापस लिया जाए जो केंद्र सरकार को निवासियों को सूचित किए बिना ही जंगल की सफाई की अनुमति देने का अधिकार देते हैं.
- हाशिए पर पड़े सभी तबकों के दमन-उत्पीड़न को बंद कर सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जाए.
- सभी के लिए आसान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और शिक्षा सुनिश्चित की जाए. नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द किया जाए.
- सभी के लिए आवास सुनिश्चित किए जाएं.
- बेहद अमीर लोगों पर टैक्स लगाया जाए, कॉरपोरेट टैक्स को बढ़ाया जाए और वेल्थ टैक्स पेश किया जाए.
यह भी पढ़ें- मर्सडीज से ब्रेजा और फिर बाइक: ऐसे लुक बदलकर भागता रहा अमृतपाल सिंह, देखें वीडियो