World Top 100 Arms Companies: दुनिया की 100 बड़ी आर्म्स कंपनियों में भारत की तीन कंपनियों का नाम शुमार हुआ है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट‌(सिपरी) की रिपोर्ट में भारत की एचएएल, ओएफबी और बीईएल ने जगह बनाई है. दुनियाभर के कुल हथियारों की खरीद में भारत का 12वां स्थान है और कुल हिस्सेदारी 1.2 % है. अमेरिका‌ 54% के साथ पहले स्थान पर है और चीन 13 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है. इंग्लैंड‌ तीसरे और रूस चौथे स्थान पर है.


हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड 42वें स्थान पर


सिपरी की साल 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की 100 बड़ी हथियारों की कंपनियों की लिस्ट में हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड 42वें स्थान पर है तो ओएफबी यानि ओर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड 60 वें नंबर पर और भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) 66वें स्थान पर है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत ने 100 हथियारों की एक निगेटिव लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में जो भी हथियार और सैन्य साजो सामान थे, भारत अब उनका आयात नहीं करेगा.


टॉप 100 कंपनियों में अमेरिका की कुल 41 कंपनियां


टॉप 100 कंपनियों में अमेरिका की कुल 41 कंपनियां हैं. अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन  कंपनी नंबर वन पर है. टॉप 10 में छह अमेरिका की ही कंपनी हैं और बाकी तीन चीन और एक इंग्लैंड की है. सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक-स्तर पर अमेरिका का कुल हथियारों की खरीद-फरोख्त में 54 प्रतिशत भागीदारी है. चीन की भागीदारी 13 प्रतिशत है तो इंग्लैंड की 07 और रूस की 05 प्रतिशत है. दक्षिण कोरिया और भारत  की बराबर हिस्सेदारी है‌ (1.2 प्रतिशत).


रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के बावजूद भी दुनियाभर में हथियारों के व्यापार में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि 2019 के मुकाबले 1.3 प्रतिशत की बढोत्तरी हो गई.




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