फरीदकोट के यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट की हत्या में शामिल तीन बदमाश दिल्ली से गिरफ्तार, कनाडा से रची गई थी कत्ल की साज़िश
डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया 18 फरवरी को फरीदकोट के जुबली चौक के पास गुरलाल भलवान की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. गुरलाल राजनीती में उभरता हुआ नाम था. जिसकी हत्या के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी ट्वीट करते हुए हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पंजाब के डीजीपी को निर्देश दिए थे.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस(सीआई) यूनिट ने पंजाब के फरीदकोट में यूथ डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस के अध्यक्ष गुरलाल भलवान की हत्या के मामले में तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि इस हत्याकांड की साजिश कनाडा में रची गई थी और हत्या करने वालों का मकसद था कि 9 फरवरी को गुरलाल भलवान की हत्या सिंघु बॉर्डर या फिर दिल्ली के जंतर मंतर पर की जाए, क्योंकि उस दिन गुरलाल किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे. हत्यारों का मकसद था कि अगर वे सिंघु बॉर्डर या फिर दिल्ली के जंतर मंतर पर इस हत्याकांड को अंजाम देते हैं, तो किसान आंदोलन में शामिल लोग काफी ज्यादा भड़क जाएंगे और पूरा माहौल बदल जाएगा. जिसकी वजह से कहीं न कहीं इस हत्या के असली साजिशकर्ताओं तक पुलिस नहीं पहुंच पाएगी. हालांकि हत्यारे 9 फरवरी को इस वारदात को अंजाम देने में सफल नहीं हो पाए और फिर 18 फरवरी को उन्होंने पंजाब के फरीदकोट में इस वारदात को अंजाम दिया. इस हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम भी सामने आया है. तीनों आरोपियों ने हत्या को अंजाम देने वाले बदमाशों को लॉजिस्टिक मदद उपलब्ध करवाई थी.
कनाडा से रची गई थी हत्या की साजिश
स्पेशल सेल की सीआई यूनिट के डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया कि 18 फरवरी को पंजाब के फरीदकोट में यूथ डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल भलवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम गुरविंदर पाल उर्फ गोरा (32), सुखविंदर उर्फ सन्नी (23) व सौरभ वर्मा (21) है. तीनों आरोपी फरीदकोट पंजाब के रहने वाले हैं. यह वारदात हत्या का बदला लेने के इरादे से की गई थी, जिसकी साजिश कनाडा से रची गई थी. आरोपी गुरविंदर पाल कोई और नहीं बल्कि मृतक गुरलाल का रिश्ते में बहनोई लगता है, जिसके जरिए हत्या की इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाया गया.
क्यों की गई गुरलाल भलवान की हत्या
डीसीपी मनीषी चंद्रा ने बताया 18 फरवरी को फरीदकोट के जुबली चौक के पास गुरलाल भलवान की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. गुरलाल राजनीती में उभरता हुआ नाम था. जिसकी हत्या के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी ट्वीट करते हुए हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए पंजाब के डीजीपी को निर्देश दिए थे. स्पेशल सेल की सीआई की टीम को इस वारदात में शामिल आरोपियों के बारे में सूचना मिली, जिसके बाद इन तीनों आरोपियों को सराए काले खां से गिरफ्तार किया गया. आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया गुरलाल भलवान की हत्या की साजिश कनाडा में मौजूद गोल्डी बरार ने रची थी. गोल्डी बरार पंजाब का पुराना अपराधी है, जो वर्तमान में कनाडा में रहता है और वहीं से गैंग चलाता है, वहीं से बैठ कर पंजाब के व्यवसायियों से रंगदारी वसूल करता है. गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई गैंग साथ मिलकर वारदात को अंजाम देते हैं और इनकी दुश्मनी पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के अन्य गैंग के साथ है. लॉरेंस बिश्नोई इस समय राजस्थान की अजमेर जेल में बन्द है. गोल्डी और लॉरेंस दोनों ने गुरलाल की हत्या की साजिश रची थी. क्योंकि उनके गैंग से दुश्मनी के चलते गोल्डी बरार के चचेरे भाई गुरलाल बरार की पिछले साल गैंगवार में हत्या कर दी गई थी. गुरलाल बरार की हत्या का बदला लेने के लिए लंबे समय से साजिश रची जा रही थी. गुरलाल बरार, स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी(सोपू) का पूर्व (राज्य) अध्यक्ष था. सोपू का गठन लॉरेंस बिश्नोई के संरक्षण में किया गया था. गुरलाल बरार की हत्या के पीछे भामभिया गैंग का नाम आया था, जिससे लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी है.
गुरलाल भलवान ने 5 फरवरी को फेसबुक के माध्यम से किसान आंदोलन में दिल्ली आने का किया था एलान
गुरलाल भलवान ने 5 फरवरी को फेसबुक पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उसने किसानों के समर्थंन में 9 फरवरी को सिंघू बार्डर और दिल्ली के जंतर मंतर आने की बात कही थी. बदमाश इस फिराक में थे कि वे सिंघु बॉर्डर या फिर जंतर मंतर पर गुरलाल भलवान की हत्या कर दें. इसके लिए हत्यारे फरीदकोट से सिंघु बार्डर और जंतर मंतर तक गुरलाल भलवान का पीछा करते हुए आये थे. हमलावरों ने न केवल उनका पीछा किया था, बल्कि वीडियो भी बनाया था. हमलावरों को निर्देश दिए गए थे कि गुरलाल भलवान की हत्या 9 फरवरी को सिंघु बॉर्डर पर ही की जाए. लेकिन वहां पुलिस के भारी सुरक्षा इंतजामों के कारण हमलावर अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए. दिल्ली से वापस पंजाब लौटने के बाद हमलावरों ने रेकी की और 18 फरवरी को वारदात को अंजाम दिया गया. आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस को सूचना दे दी है.