लखनऊः उत्तर प्रदेश के धर्मांतरण मामले में उमर और जहांगीर के बाद तीन और गिरफ्तारियां की गई हैं. धर्मांतरण मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों को पता चला है कि इस रैकेट में शामिल लोग 7 कोडवर्ड का इस्तेमाल करके लोगों का ब्रेनवाश किया करते थे. यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि इस मामले में लगातार जांच जारी है.


अवनीश अवस्थी ने कहा कि मूक बधिर बच्चों का इस्तेमाल करके कुछ और लोगों को इसमें शामिल करने की कोशिश करने का पता चला है. कोडवर्ड के इस्तेमाल की भी बात सामने आई है.


उन्होंने बताया कि सेंट्रल जांच एजेंसियों को इस बाबत सूचित भी किया गया है. साथ ही यूपी की तमाम एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं. अवनीश अवस्थी ने बताया कि इस मामले में हवाला कनेक्शन भी सामने आया है. अभी लगातार जांच जारी है और आने वाले दिनों में भी कुछ बड़े बड़े खुलासे किए जा सकते हैं.


इन सात कोडवर्ड्स का होता था इस्तेमाल


सूत्रों के मुताबिक़ धर्मांतरण रैकेट में शामिल लोग जिन 7 कोडवर्ड्स का इस्तेमाल करते थे, वो कुछ ऐसे हैं. 'रिवर्ट बैक टू इस्लाम प्रोग्राम' (यानी धर्म को परिवर्तन करना), 'मुतक्की' (मतलब हक और सच को तलाश करना), 'सलात' (इस शब्द का इस्तेमाल नमाज के लिए किया जाता है), 'रहमत' (यानी कि बाहर विदेशों से आने वाला फंड), 'अल्लाह के बंदे' (यानी कोई यूट्यूब या सोशल मीडिया से मूक बधिरों के लिए डाले वीडियो लाइक करता था), मोबाइल नंबर और जन्मतिथि (यह कोडवर्ड में धर्म परिवर्तन करवाने का नाम था) और 'कौम का कलंक' (इसको अबतक डीकोड नहीं किया जा सका है).


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