दुश्मन के लिए काल माने जाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की एक और खेप भारत पहुंच गई है.  भारतीय वायुसेना के तीन और राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस के एयरबेस से उड़ान भरने के बाद कल शाम भारत की धरती पर पहुंचे. विमान को संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना ने हवाई ईंधन भरने में मदद की.


3 नए राफेल के आने से भारत को अब 36 में से 35 राफेल मिल गए हैं. भारत सरकार ने 36 राफेल के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ करार किया था. 36वां विमान कुछ हफ्तों के बाद फ्रांस से भारत पहुंचेगा. सरकारी अधिकारी के मुताबिक IAF ने इनमें से 30 से अधिक विमानों को बिना रुके सीधे भारत पहुंचाया है.


 






राफेल की एक और खेप आने के बाद भारत की वॉर पावर में और इजाफा हो गया है. राफेल उल्का और हैमर जैसी मिसाइलों से लैस है. मल्टीरोल होने के कारण दो इंजन वाला (टूइन) राफेल फाइटर जेट एयर-सुप्रेमैसी यानी हवा में अपनी बादशाहत कायम करने के साथ-साथ डीप-पैनेट्रेशन यानी दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में भी सक्षम है. यानी राफेल जब आसमान में उड़ता है तो कई सौ किलोमीटर तक दुश्मन का कोई भी विमान, हेलीकॉप्टर या फिर ड्रोन पास नहीं फटक सकता है. साथ ही वो दुश्मन की जमीन में अंदर तक दाखिल होकर बमबारी कर तबाही मचा सकता है. इसीलिए राफेल को मल्टी रोल लड़ाकू विमान भी कहा जाता है.


राफेल अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों से लैस हैं. सबसे खास है दुनिया की सबसे घातक समझे जाने वाली हवा से हवा में मार करने वाली मेटयोर (METEOR) मिसाइल. ये मिसाइल चीन तो क्या किसी भी एशियाई देश के पास नहीं है. यानी राफेल प्लेन वाकई दक्षिण-एशिया में गेम-चेंजर साबित हो सकता है. वियोंड विजुअल रेंज ‘मेटयोर’ मिसाइल की रेंज करीब 150 किलोमीटर है. हवा से हवा में मार करने वाली ये मिसाइल दुनिया के सबसे घातक हथियारों में गिनी जाती है. इसके अलावा राफेल फाइटर जेट लंबी दूरी की हवा से सतह में मार करने वाली स्कैल्प क्रूज मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली माइका मिसाइल से भी लैस है.


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