नई दिल्ली: राफेल युद्धक विमानों की सातवीं खेप में तीन और विमान फ्रांस से उड़कर बिना रुके लगभग आठ हजार किलोमीटर की दूरी तय कर भारत पहुंचे. इन विमानों को भारतीय वायु सेना की राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. 


यूएई की वायुसेना ने उपलब्ध कराया ईंधन


फ्रांस से आए इन विमानों को हवाई मार्ग के बीच में संयुक्त अरब अमीरात की वायुसेना ने ईंधन उपलब्ध कराया. भारतीय वायु सेना ने ट्वीट किया, “फ्रांस के इस्त्रेस एयर बेस से उड़कर बिना रुके तीन राफेल विमान कुछ देर पहले भारत पहुंचे. हवाई मार्ग के बीच में सहायता देने के लिए यूएई वायु सेना को भारतीय वायु सेना धन्यवाद देती है.”






इस खेप के आने के बाद अब भारत में पास 24 राफेल विमान हो गए हैं. राफेल जेट की नई स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयर बेस पर स्थित होगी. पहली राफेल स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन पर स्थित है. एक स्क्वाड्रन में 18 विमान होते हैं. 


भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमान का सौदा किया था


भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 2016 में फ्रांस के साथ सौदा किया था. बता दें कि पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंचा था. इससे करीब चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया गया था. इन विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में एक कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था.


क्यों गेम चेंजर हैं राफेल?


भारतीय वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमान गेमचेंजर माने जा रहे हैं. क्योंकि इनके आने से भारत को अपने पड़ोसियों के मुकाबले तकनीकी बढ़त भी मिली है और युद्ध की सूरत में एक ताकतवर लड़ाका भी. और राफेल ने इसका सबूत लद्दाख के आसमान में उड़ान भर के दे दिया था.


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