फ्रांस से नॉन स्टॉप उड़ान भरकर भारत पहुंचे तीन रफाल विमान, करीब 8 घंटे के सफर में 3 बार की मिड-एयर रिफ्यूलिंग
फ्रांस के इस्त्रेस एयरबेस से गुजरात के जामनगर तक 3700 नॉटिकल मील की दूसरी आठ घंटे में पूरी की. दूरी तय करने में तीन बार हवा में ही की मिड-एयर रिफ्यूलिंग. गुरूवार को तीनों रफाल पहुंचेंगे अंबाला एयर बेस.
नई दिल्ली: चीन से चल रही तनातनी के बीच रफाल फाइटर जेट्स की दूसरी खेप भारत पहुंच गई है. इस खेप में तीन रफाल विमान हैं. खास बात ये है कि रफाल लड़ाकू विमान फ्रांस से नॉन-स्टॉप आठ घंटे की उड़ान भरकर गुजरात के जामनगर एयर बेस पहुंचे. गुरुवार को ये तीनों फाइटर जेट अंबाला पहुंच जाएंगे.
वायुसेना के मुताबिक, बुधवार की देर शाम 8.14 मिनट पर ये तीनों रफाल फाइटर जेट गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंचे. ये तीनों लड़ाकू विमान बुधवार की सुबह ही फ्रांस के इंस्त्रेस एयरबेस से जामनगर पहुंचे. करीब 3700 नॉटिकल मील की दूरी इन विमानों ने करीब आठ घंटे में पूरी की. वायुसेना के मुताबिक, इन विमानों की तीन बार हवा में मिड-एयर रिफ्यूलिंग हुई. क्योंकि इन फाइटर जेट्स के साथ एक फ्यूल-टैंकर (एयरक्राफ्ट) भी उड़ान भर रहा था.
जानकारी के मुताबिक, गुरूवार को ये तीनों रफाल फाइटर जेट्स जामनगर से अंबाला एयरबेस के लिए उड़ान भरेंगे. ये तीनों भी अंबाला स्थित गोल्डन-ऐरो स्कॉवड्रन (17वीं स्कॉवड्रन) का हिस्सा होंगे. आपको बता दें कि 29 जुलाई को रफाल फाइटर जेट की पहली खेप भारत पहुंची थी. पहली खेप में पांच विमान थे. 10 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारले की मौजूदगी में पहली खेप के पांचों एयरक्राफ्ट्स को विधिवत तरीके से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था.
भारत ने फ्रांस से 36 रफाल लड़ाकू विमानों का सौदा किया है. इन 36 विमानों में से 18 फाइटर जेट्स अंबाला स्थित गोल्डन ऐरो स्कॉवड्रन का हिस्सा होंगे, जबकि बाकी 18 की एक अलग स्कॉवड्रन पश्चिम बंगाल की हासिमारा में तैनात की जाएगी. हाल ही में वायुसेना प्रमुख ने बताया था कि अगले साल यानी 2021 तक गोल्डन ऐरो स्कॉवड्रन पूरी तरह से खड़ी हो जाएगी यानी 18 विमान भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे. साल 2023 तक भारत को सभी 36 रफाल विमान मिलने की उम्मीद है.
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