नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में रविवार देर शाम तबाही का तूफान आया. तूफान की वजह से देशभर में अलग-अलग जगहों पर 46 लोगों की मौत हो गई. तूफान की वजह से यूपी में 23, पश्चिम बंगाल में 12, आंध्र में 9 और दिल्ली में 2 की जिंदगियां काल के गाल में समा गईं. तूफान ने दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा तबाही मचाई. तूफान की रफ्तार करीब 109 किलोमीटर प्रति घंटे थी.
LIVE UPDATES: आंधी-तूफान ने फिर बरपाया कहर, यूपी, आंध्र समेत देश भर में 46 की मौत
एबीपी न्यूज़ के दफ्तर के बाहर भी पेड़ गिरा
दिल्ली-एनसीआर और आसपास के कई इलाकों में पेड़ गिर गए. दिल्ली से सटे नोएडा में एबीपी न्यूज़ के दफ्तर के बाहर भी पीपल का एक बड़ा पेड़ गिर गया. इसकी वजह से वहां खड़ी गाड़ियों को काफी कसान पहुंचा है. दिल्ली में मेट्रो के साथ साथ रेल, सड़क और हवाई यातायात पर भी असर पड़ा. दिल्ली आने जाने वाली करीब सत्तर विमानों के रूट को डायवर्ट करना पड़ा. तूफान से सबसे ज्यादा तबाही यूपी और पश्चिम बंगाल में हुई है.
यूपी में सबसे ज्यादा तबाही, 18 के मरने की खबर
तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही उत्तर प्रदेश में मचाई. देशभर में मरने वाले 41 लोगों में 18 यूपी से हैं. उत्तर प्रदेश के कासगंज में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. कासगंज में 5, बुलंदशहर में 3 और गाजियाबाद-सहारनपुर में 2-2 लोगों की मौत हो गई. वहीं इटावा, अलीगढ़, कन्नौज, हापुड़, नोएडा और संभल में 1-1 मौत की खबर है.
एहतियातन कई जगहों पर स्कूल बंद
यूपी के कन्नौज में एक महिला और पुरुष आंधी तूफान से बचने के लिए जिस पेड़ के नीचे छिपे थे वही पेड़ गिर गया और महिला की मौके पर ही मौत हो गई. इसके अलावा यूपी के कासगंज में सबसे ज्यादा पांच लोगों की जान इस आंधी तूफान ने ले ली है. यूपी में आज एहतियातन कई जगहों पर स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. यूपी के अमरोहा में सभी स्कूल बंद हैं तो वहीं कासगंज में आठवीं तक के स्कूल बंद हैं.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर जताई चिंता
जानलेवा आंधी तूफान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है. पीएम मोदी ने लिखा, ''देश के कुछ हिस्से में आंधी-तूफान से हुए जान के नुकसान से दुखी हूं.पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं.तूफान में घायल लोगों के जल्दठीक होने की कामना करता हूं. प्रभावित लोगों को हर संभव मदद दी जाएगी.''
आज कैसा रहेगा मौसम, कहां कहां अलर्ट?
जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, ओडिशा में तूफान का अलर्ट है, तूफान की रफ्तार 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है. पंजाब हरियाणा, दिल्ली, यूपी, झारखंड में भी तेज हवाओं के साथ तूफान की आशंका जताई जा रही है. दक्षिणी कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, असम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर में भी तूफान का अलर्ट है.
ओडिशा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश का अनुमान जताया गया है. दक्षिण पश्चिमी यूपी, राजस्थान, एमपी, विदर्भ, मराठवाड़ा में मौसम गर्म रहेगा. राजस्थान में धूल भरी आंधी चल सकती है.
यूपी के कुछ इलाकों में धूलभरी आंधी और गरज के साथ बल्की बारिश संभव है. बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, बस्ती, संत कबीरनगर जिले प्रभावित हो सकते हैं. इसके अलावा फैजाबाद, सुल्तानपुर, आजमगढ़, आंबेडकरनगर, मऊ, देवरिया, इलाहाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र जिले भी प्रभावित हो सकते हैं.
तूफान क्यों आया?
तूफान के पूछे सबसे बड़ा कारण पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बताया जा रहा है. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस भूमध्यसागर से उठी तूफानी हवाओं को कहा जाता है, इसके असर वाले इलाकों में तेज आंधी और तूफान आता है. तेज हवाओं के चलने से गरज के साथ बरसात होती है. मौसम विभाग के मुताबिक एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जम्मू-कश्मीर के ऊपर बना हुआ था और दिल्ली में कम दवाब का क्षेत्र था. बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाओं और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के बीच टकराव हुआ, जिसने तूफान का रूप धारण कर लिया.
तूफान के मुख्य कारण ज्यादा गर्मी, नमी की मौजूदगी, वातावरण में अस्थिरता और तूफानी सक्रियता रहे. जम्मू कश्मीर और हिमाचल के ऊपर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी राजस्थान में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने के कारण आंधी तूफान के हालात बने. मौसम विज्ञान के अनुसार दक्षिण भारत में तेलंगाना से लेकर चेन्नई तक कम दबाव की रेखा बनने के कारण पंजाब और हरियाणा तथा दिल्ली के मौसम में बदलाव देखा जा रहा है. इसके कारण पहाड़ी क्षेत्र से लेकर मध्य प्रदेश तक बारिश की आशंका है.
आंधी तूफान से कैसे बचें?
आंधी तूफान के अलर्ट के बीच कई जगहों पर लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. मौसम से जुड़ी ताजा जानकारी और चेतावनियों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें और अखबार पढ़ें. घर के अंदर रहने की कोशिश करें, खुले में जानें से बचें.
बिजली के सभी सामानों के प्लग हटा दें. पेड़ों के नीचे या आसपास न जाएं, अगर गाड़ी, बस या अन्य ढकी हुई गाड़ी के अंदर हैं तो उसी में रहें. साइकिल और मोटरसाइकल पर चलने से बचें. पूल, तालाब, छोटी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आएं और सुरक्षित जगह जाएं.