नई दिल्ली: केजरीवाल की आम आदमी पार्टी में एक बार फिर झगड़ा शुरू हो गया है. इस बार झगड़ा पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की पार्टी में वापसी को लेकर हो रहा है. अमानतुल्लाह की वापसी पर पार्टी के बड़े नेता कुमार विश्वास नाराज हैं. कुमार विश्वास की नाराज़गी न सिर्फ अमानतुल्लाह खान की वापसी पर ही है, बल्कि इसके बहाने जो साजिशें रची जा रही है उससे लेकर वो खासे दुखी भी हैं.


ABP न्यूज़ से बातचीत में कुमार विश्वास का ये दर्द छलक भी उठा.  उन्होंने कहा कि ये फैसला राज्यसभा चुनाव को देखते हुए लिया गया है. उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक वध की कोशिश है. "अगर मैंने इन लोगों के खिलाफ बोला तो मुझे दीमक की तरह चाट जाएंगे."


राज्यसभा जाने से रोकने के लिए राजनीतिक वध करने की कोशिश
क्या राज्यसभा का टिकट पाने के लिए विरोध नहीं कर रहे? इस सवाल पर कुमार विश्वास ने कहा, ''मेरी लोकप्रियता और स्वीकार्यता किसी सांसद और विधायक से कम नहीं है. जब पार्टी बनी थी तब मेरे दोनों साथी मेरे पास आए थे और कहा कि भाई तू युवाओं में लोकप्रिय है हमें लोग जानते नहीं हैं. जब टीवी पर बहस करनी थी तब पार्टी ने मुझे भेजा. जब दिग्विजय सिंह ने बहस की चुनौती दी तो हमारे नेता ने गर्व से कहा कि मेरी पार्टी से कुमार विश्वास आएंगे.''


उन्होंने कहा, ''जब बाहर भेज सकते हैं तो अंदर (राज्यसभा) क्यों नहीं भेज सकते. पार्टी में कर्यकर्ताओं और विधायकों की भी इच्छा है. हां, ये हो सकता है कि उससे पहले एक और राजनीतिक वध करने की कोशिश हो. लेकिन मुझे कोई स्वराज मोर्चा नहीं बनाना है. मुझे किसी और पार्टी में नहीं जाना है. पार्टी के लिए मैं लड़ता रहा हूं और लड़ता रहूंगा. मैं अंदर बोलता रहा हूं और बाहर भी बोलता रहा हूं, शायद यही एक कारण हो सकता है.''


अमानतुल्ला सिर्फ मुखौटा, संघर्ष के दिन नहीं देखे
अमानतुल्ला की वापसी पर कुमार विश्वास ने कहा, "लोजपा से आया हुआ और आज भी सांप्रदायिकता का आरोपी मेरी टिप्पणी के लायक नहीं है. पार्टी में कई ऐसे लोग आ गए हैं जिन्होंने संघर्ष के दिन नहीं देखे. ये लोग पकी पकाई पार्टी में आए हैं. इन लोगों के पास राजनीतिक वध का लंबा अनुभव है, पहले किसी एक प्यादे से हमला कराओ फिर अगर सामने वाला उस पर प्रतिक्रिया दे तो उसपर एक्शन लो. ऐसा योगेंद्र यादव, अंजलि दमानिया, मयंक गांधी जैसे कई लोगों के साथ हुआ. मैं ऐसा नहीं हूं, मैं इस पार्टी का फाउंडर हूं मैं ऐसा नहीं करूंगा.''


विपक्ष के लिए नहीं विकल्प के लिए आए थे
कुमार विश्वास ने कहा, ''एक दिन हमारी पार्टी के बड़े नेता जो खुद दूसरी पार्टी से आए हैं उनसे मैंने अन्ना आंदोलन के समय के एक साथी की बात सुनने को कहा तो उन्होंने कहा कि ये अन्ना वालों ने बहुत दुखी कर रखा है. इनकी एक अलग पार्टी बना देते हैं. मैंने जवाब दिया कि पार्टी तो अन्ना वालों ने ही बनाई थी आप बाहर से आए हैं. मैं पहले भी कहता रहा हूं कि हम विपक्ष की नहीं विकल्प की राजनीति के लिए आए हैं.''