मुम्बई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बाघिन अवनी की हत्या की घटना को दुखद करार देते हुए कहा कि जांच प्रक्रिया में किसी भी तरह की चूक नहीं की जाएगी. वहीं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केंद्र पर लगाए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार को उनके प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. शार्प शूटर असगर अली ने शुक्रवार रात को टी1 के आधिकारिक नाम से पहचानी जाने वाली बाघिन को बोराटी जंगल की कंपार्टमेंट संख्या 149 में मारा था. यह इलाका यवतमाल जिले के रालेगांव थाने के अधीन आता है.


पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘(बाघिन के) के मारे जाने पर किसी को भी कोई खुशी नहीं है. वन विभाग ने यह फैसला किया क्योंकि उसने (बाघिन ने) 13-14 लोगों को मार डाला था. इस पर कुछ संदेह है कि बाघिन को पहले गोली लगी या फिर बेहोश करने के लिए तीर मारा गया. इस तथ्य की जांच की जाएगी.’’





फडणवीस ने कहा कि उन्हें मुहैया कराई गई एफआईआर के अनुसार बाघिन को उस वक्त गोली मारी गई जब बाघिन ने उसे (बाघिन को) बेहोश करने की कोशिश कर रहे वनकर्मी पर हमला कर दिया. बाघिन के मारे जाने के मामले पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के बयान पर सवाल किए जाने पर फडणवीस ने कहा कि मंत्री ने ‘‘सख्त शब्दों’’ का इस्तेमाल किया


आज महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने भी मेनका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि केन्द्रीय मंत्री को मामले की उचित जानकारी नहीं है. इस बीच, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री हर्ष वर्धन ने सोमवार को बाघिन अवनी के मारे जाने को लेकर केन्द्र पर निशाना साधने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि किसी भी पिछली सरकार ने इस सरकार जितनी गहनता और गंभीरता से काम नहीं किया है.


हर्ष वर्धन ने कहा कि सरकार को राहुल गांधी से किसी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने अवनी की मौत पर रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘किसी राष्ट्र की महानता को उसके जीवों के साथ व्यवहार के तरीकों से नापा जा सकता है.’’ वहीं पशुओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले ‘पेटा’ भारत ने कहा कि हत्या की जांच की जानी चाहिए और इसे वन्यजीवन अपराध के तौर पर देखा जाना चाहिए। उसने इसे राष्ट्र के लिए एक ‘‘काला दिन’’ भी करार दिया.