भारत-चीन सीमा गतिरोध की चिंगारी अब चाइनीज़ वीडियो एप टिक टॉक तक पहुंच चुकी है. देश भर में चल रहे चाइनीज़ प्रोडक्ट के बहिष्कार के एलान के बीच अब इंटरनेट यूजर के बीच चाइनीज एप के बहिष्कार की बहस चल रही है. इसे देखते हुए टिक टॉक जैसा एक देसी एप ‘चिंगारी’ का निर्माण किया गया है. दावा है कि इस एप को अब तक लाखों लोगों ने डाउनलोड कर लिया है.
टिक टॉक का बहिष्कार
लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिक के बीच हुए झ़ड़प के बाद बहिस्कार की आवाज़ बुलंद होने लगी है और ये आवाज़ सोशल मीडिया और इंटरनेट यूज़र के बीच ख़ूब गूंज रही है. इसे ही देखते हुए भारत में निर्मित ‘चिंगारी’ एप का निर्माण किया गया. डेवलपर का दावा है कि कल तक इसे पांच लाख लोगों ने अपने मोबाइल में डाउनलोड कर लिया था.
सुरक्षा पर सेंध का सवाल
पिछले दिनों टिक टॉक को लेकर सुरक्षा के सवाल भी उठाए गए थे. इसके बाद ही मित्रो जैसी एप के इस्तेमाल की बात भी उठने लगी थी. अब टिक टॉक को टक्कर देने के लिए चिंगारी भी मौजूद है. चिंगारी और मित्रो दोनों टिक टॉक की तरह शॉर्ट वीडियो एप है जो पूरी तरह भारतीय है. कुछ दिनों पहले टिक टॉक और यू ट्यूब के बीच लोकप्रियता को लेकर कशमकश भी देखने को मिली थी.
पाबंदी की मांग
एनडीए में शामिल रामदास अठावले जैसे नेता टिक टॉक पर पाबंदी की मांग कर चुके है. बीजेपी सांसद और एक्टर परेश रावल भी इसके खिलाफ हैं. इसके अलावा भारतीय एक्टर मीलिंद सोमन, अरशद वारसी और रणवीर शौरी भी बहिष्कार की बात कर चुके हैं.
टिक टॉक को नोटिस
पिछले साल IT मंत्रालय टिक टॉक और हेलो एप को सरकार विरोधियों कंटेट के लिए नोटिस भेजकर जवाब मांगा था और कहा था कि एप पर राष्ट्रविरोधी और गैर कानूनी गतिविधियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. टिक टॉक बनाते समय कई नकारात्मक खबरें भी सामने आ चुकी हैं.