Gangster Tillu Tajpuriya Murder InTihar Jail: तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को मंगलवार (2 मई) को हत्या कर दी गई है. इस हत्या के घटनाक्रम पर गौर करें तो दो साल पहले से ही गोगी गैंग इस हत्या की फिराक में लगा था. दरअसल सितंबर 2021 में रोहिणी कोर्ट के अंदर कोर्ट रूम में 2 बदमाशों ने जितेंद्र उर्फ गोगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों बदमाश वकील की ड्रेस में कोर्ट में दाखिल हुए थे और गोगी को मौत के घाट उतार दिया था.
इन दोनों ही बदमाशों को टिल्लू ताजपुरिया ने भेजा था. हालांकि, स्पेशल सेल के जवानों ने भी उसी दौरान एनकाउंटर में इन दोनों हत्यारों को मार गिराया था. सितंबर 2021 के बाद से ही गोगी गैंग जितेंद्र गोगी की हत्या का बदला लेने की कोशिश में था. वो हमेशा ताजपुरिया को मौत के घाट उतारने की फिराक में रहता.
कॉलेज का याराना जो दुश्मनी में बदला
गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और जितेंद्र गोगी की दुश्मनी का इतिहास जानना हो तो दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज का रुख करना होगा. इस कॉलेज में पढ़ने के दौरान काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे. दोनों ही कॉलेज की राजनीति में काफी सक्रिय थे और इस कॉलेज के किंग मेकर बनना चाहते थे. कॉलेज राजनीति में एक कैंडिडेट को प्रेसिडेंट बनाने के चलते टिल्लू और गोगी आमने- सामने आ गए. इसके बाद से ही दोनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई.
फिर क्या था न दोनों ने अपना-अपना गैंग बना लिया और फिर वर्चस्व के लिए इनके बीच गैंगवार भी शुरू हुई. दोनों ही गैंग ने एक -दूसरे के कई बदमाशों को मार गिराया. जहां सितंबर 2021 में टिल्लू गैंग ने रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र गोगी को मौत के घाट उतारा तो मंगलवार को गोगी गैंग ने टिल्लू ताजपुरिया की हत्या कर दी.
इस तरह से गोगी गैंग ने अपने मुखिया गोगी की हत्या का बदला ले लिया. इस दौरान सोशल मीडिया पर गोल्डी बरार के नाम से दो पोस्ट भी की गई हैं. इसमें यह दावा किया गया है कि टिल्लू ताजपुरिया को मारकर गोगी की हत्या का बदला ले लिया गया है. अब देखने वाली यह बात है कि गोगी और टिल्लू की हत्या के बाद इनके गैंग के बीच लड़ाई जारी रहती है या फिर ये लड़ाई अब थम जाएगी?
फूल प्रूफ प्लानिंग से हुआ टिल्लू का मर्डर
दिल्ली पुलिस तिहाड़ जेल सूत्रों की मानें तो गोगी गैंग के बदमाशों ने टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के लिए फूल प्रूफ प्लानिंग की थी और इसे मंगलवार सुबह अंजाम दिया गया. सूत्रों के अनुसार सुबह 6:11बजे सबसे पहले योगेश उर्फ टुंडा फर्स्ट फ्लोर पर स्थित अपने हाई सिक्योरिटी वार्ड से बेडशीट के सहारे नीचे ग्राउंड फ्लोर पर उतरा और उसके पीछे- पीछे उसके बाकी के 3 साथी दीपक उर्फ तीतर, रियाज और राजेश बवानिया नीचे उतरे.
टिल्लू ने इनको नीचे उतरते हुए देख लिया और फिर वो खुद को बचाने के लिए हाई सिक्योरिटी वार्ड में दूसरे कैदी रोहित के सेल में घुस गया. ये चारों भी उस सेल में घुसे और टिल्लू को बाहर बरामदे की ओर खींचने लगे. रोहित ने जब बीच-बचाव कराने का प्रयास किया तो इन चारों बदमाशों ने ग्रिल से रोहित पर भी वार किए. इसके बाद इन्होंने टिल्लू पर भी वार किए और उसे खींचते हुए बरामदे में ले आए.
यहां पर खुलेआम सीसीटीवी कैमरों के सामने सबको दिखाते हुए टिल्लू को मौत के घाट उतार दिया गया. सूत्रों ने ये जानकारी दी है की इसी हाई सिक्योरिटी वार्ड में दिल्ली के अन्य कुख्यात बदमाश भी अलग-अलग सेल में बंद हैं. इनमें गैंगस्टर सोनू दरियापुर, प्रदीप और मंजीत महाल जैसे बदमाश शामिल हैं.
गोगी गैंग के चारों बदमाशों ने इन बदमाशों के सेल को बाहर से बंद कर दिया था ताकि कोई टिल्लू की मदद के लिए बाहर ना आ सके. सूत्रों का कहना है कि इन चारों ने टिल्लू की हत्या खुले में आकर इसलिए की है क्योंकि कहीं ना कहीं ये चारों अपना वर्चस्व और जेल के अंदर डर का माहौल पैदा करना चाहते थे.