Tillu Tajpuriya Murder: टिल्लू ताजपुरिया की हत्या मामले में तिहाड़ जेल के डीआईजी राजेश चोपड़ा ने मंगलवार (3 मई) को नया खुलासा किया. उन्होंने बताया कि टिल्लू ताजपुरिया की हत्या करने वाले 4 बदमाशों को कुछ दिन पहले ही जेल नंबर 8-9 में शिफ्ट किया गया था. 


राजेश चोपड़ा ने बताया कि योगेश उर्फ टुंडा को 6 जनवरी को जेल में बंद किया गया था. उसे 30 मार्च जेल नंबर 8-9 में शिफ्ट किया गया था. वहीं दीपक को 8 जनवरी को जेल नंबर 8-9 में बंद किया गया. राजेश को 30 मार्च और रियाज खान को अक्टूबर 2022 में जेल नंबर 8-9 में शिफ्ट किया गया. 


क्या प्लान करके हत्या की?


राजेश 2012 से तिहाड़ की अलग-अलग जेल में बंद रहा है. रियाज 2008 और राजेश 2007 से जेल में बंद रहा है. डीआईजी राजेश चोपड़ा ने बताया कि बदमाशों ने पहले जेल के अंदर लगी खिड़कियों की पत्तियों और एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां को तोड़ा. इसके बाद पत्थर पर इसे कई दिनों तक घिसकर नुकीला बनाया गया. ऐसा करने के बाद मंगलवार की सुबह मौका देख टिल्लू पर हमला कर दिया. 


तिहाड़ जेल के डीआईजी ने क्या कहा?


राजेश चोपड़ा टिल्लू को रोहिणी जेल से 15 दिन पहले ही तिहाड़ की जेल नंबर 8 और 9 मे शिफ्ट किया गया था. उन्होंने बताया कि टिल्लू को हाई सिक्योरिटी सेल में रखा हुआ था, लेकिन टिल्लू की हत्या के बाद से चारों आरोपियों को जेल नंबर 8 और 9 से शिफ्ट करके दूसरी जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में ट्रांसफर कर दिया है. बता दें कि जेल नंबर 8 और 9 में अभी भी मंजीत महल, सोनू दरियापुर और प्रवीन सोलंकी बंद हैं. 


डीआईजी राजेश चोपड़ा ने बताया 1 से 2 मिनट के अंदर चारों आरोपियों ने अपने नुकीले हथियार से टिल्लू को मौत के घाट उतार दिया था. जेल स्टाफ ने महज आधे मिनट के अंदर ताला खोला, लेकिन तब तक टिल्लू पर चारों ने कई हमले कर दिए थे. टिल्लू को सेल के बाहर मारा गया है. उन्होंने बताया कि जेल नंबर आठ और नौ में सीसीटीवी कैमरों की संख्या 975 हो चुकी है. 


टिल्लू हत्या मामले में मजिस्ट्रेट जांच चल रही है. पुलिस भी एफआईआर के आधार पर जांच कर रही है. दूसरी तरफ तिहाड़ प्रशासन भी इंटरनल जांच कर रहा है कि किसी अंदर के व्यक्ति की तो कोई भूमिका तो नहीं है.


जेल अधिकारी के अनुसार नरेला में नई जेल बनने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ये जेल पूरी तरह से हाई सिक्योरिटी जेल होगी. दिल्ली की चौथी बड़ी जेल होगी. हाई सिक्योरिटी जेल में जैमर लगाए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी का ऑडिट भी करवाया जा रहा है कि जेलों में जो कमियां हैं, उन्हें दूर किया जा सके.


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