Tillu Tajpuriya Murder: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को वार्ड नंबर 5 के ग्राउंड फ्लोर की सेल में बंद किया गया था. सूत्रों की मानें तो गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को 20 दिन पहले ही जेल नंबर 8 के हाई सिक्योरिटी वार्ड में शिफ्ट किया गया था. सूत्रों ने ये भी बताया कि उसी वार्ड की पहली मंजिल पर गैंगस्टर जितेंद्र गोगी और लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के गुर्गे की सेल थी. 


जितेंद्र गोगी का गैंग पिछले काफी समय से टिल्लू ताजपुरिया को मौत के घाट उतारने की फिराक में था. जैसे ही गोगी गैंग के लोगों को ये पता चला कि टिल्लू की सेल शिफ्ट हो गई है वो सभी टिल्लू को खत्म करने का प्लान बनाने में जुट गए. जानकारी के मुताबिक सभी गैंगस्टर हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद थे. पहले फ्लोर से नीचे वाले फ्लोर पर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. दोनों फ्लोर के बीच में एक लोहे का जाल लगा है. 


काफी समय से चल रही थी मारने की साजिश
जांच में सामने आया कि टिल्लू को मारने के लिए कातिलों ने लोहे के जाल को काट दिया और चादर के सहारे नीचे लटक गए और ग्राउंड पर आ गए. ये सब प्लान का हिस्सा था. गोगी के गुर्गों को पता था कि जेल वार्डन सुबह 6 बजे सभी कैदियों के जेल के ताले खोल देता है. ये एक रूटीन है.


सूत्रों की मानें तो टिल्लू को मारने की साजिश काफी समय से चल रही थी. लोहे के जाल को धीरे धीरे काटा जा रहा था और उसे काफी कमजोर कर दिया गया था. जब गोगी के गुर्गों को इस बात का यकीन हो गया कि हल्का दबाव डालने पर जाल टूट जाएगा तो वो उस समय का इंतजार करने लगे जब उन्हें टिल्लू ताजपुरिया को मारने का दिन तय किया था.


लोहे की जाली के हिस्सों को दे डाली चाकू की शेप
सूत्रों ने बताया कि टिल्लू ताजपुरिया भी एक बड़ा गैंगस्टर था उसे मारने के लिए हथियार की जरूरत थी लिहाजा हथियारों का भी इंतजाम जेल में ही किया गया. सूत्रों की मानें तो गोगी के गुर्गों ने अपनी मंजिल के बैरक में लगे एग्जास्ट फैन में लगी लोहे की जाली के हिस्सों को निकाला और उन्हें घिस-घिस कर नुकीला बनाया और चाकू की शेप दे डाली. 


अब हथियार भी थे जिसने मारने का प्लान किया था वो भी था बस इंतजार था तो कत्ल  के तय किए गए दिन और समय का. टिल्लू ताजपुरिया को मारने की साजिश का दिन चुना गया 1 मई. लेकिन 1 मई को टिल्लू की किस्मत अच्छी थी जब गोगी के गुर्गे 1 तारीख को टिल्लू पर हमला करने वाले थे तभी सुरक्षा कर्मी राउंड पर आ गए और कातिलों ने अपना इरादा बदल दिया अब तारीख तय हुई 2 मई. 


मारने से पहले खा रखी थी पेन किलर टेबलेट
सूत्रों ने बताया कि गोगी के गुर्गों ने 1 मई की पूरी रात पहली मंजिल पर जागकर बिताई रात भर जागते रहे सुबह यानी 2 मई को जैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने सभी कैदियों के सेल का दरवाजा खोला तब गोगी गैंग के गुर्गे जाली तोड़कर चादर के सहारे नीचे कूदे और टिल्लू की सेल की तरफ गए.


सीसीटीवी अभी साफ तौर पर नजर आ रहा है कि टिल्लू ने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह नहीं बचा पाया और गोगी गैंग के गुर्गे लगातार गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर एक के बाद एक वार करते रहे. और आखिरकार अपने मकसद में कामयाब हुए. सूत्र ने यह भी बताया कि गोगी गैंग के गुर्गों ने टिल्लू ताजपुरिया को मारने से पहले पेन किलर टेबलेट भी खा रखी थी, ताकि हमले के बाद अगर उनकी पिटाई हो तो उन्हें दर्द ना हो.


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