किसान आंदोलन को शुरू हुए करीब 100 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन आंदोलन में शामिल पुरुष और महिलायें हार मानने के लिए तैयार नहीं है और डट कर कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं.  महिलाओं की इस निडरता और आत्मविश्वास को देखते हुए टाइम मैग्जीन  ने उनके विरोध प्रदर्शन की तस्वीर अपने अंतरराष्ट्रीय कवर पर शामिल की है. जो महिलाएं दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध का नेतृत्व कर रही हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय कवर का हिस्सा बनाया गया है और साथ में टैग लाइन दी है जिसमें लिखा है  'मुझे डराया नहीं जा सकता, मुझे खरीदा नहीं जा सकता'.


कैसा है टाइम का नया कवर:


टाइम मैग्जीन के कवर पर कुछ महिला किसानों को उनके युवा बच्चों को अपनी बाहों में लिए नारेबाजी करते हुए दिखाया गया है. इस तस्वीर में कई पुरानी महिला प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं, जो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के साथ मिलकर विरोध कर रही हैं.






टाइम मैग्जीन में छपा लेख:


टाइम मैग्जीन में छपे एक लेख में बताया गया है कि कैसे महिला किसानों ने अपने आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया और आज भी उस पर अडिग हैं, जबकि सरकार ने महिलाओं को घर वापस जाने के लिए कहा था, लेकिन इसके विपरीत वो पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों के लिए नेतृत्व में खड़ी रहीं. वहीं भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन का रिहाना और ग्रेटा थुनबर्ग जैसी अंतरराष्ट्रीय आइकन और मशहूर हस्तियों ने भी समर्थन किया था. जिसके बाद विवाद और ज्यादा बढ़ गया था. केंद्र ने रिहाना और ग्रेटा के ट्वीट के तुरंत बाद एक बयान जारी किया और मशहूर हस्तियों से भारत के आंतरिक मामलों पर सनसनीखेज टिप्पणी करने से बचने की चेतावनी तक दे दी थी.


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