नई दिल्ली: गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ जारी तनाव आखिरकार कम हुआ. लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच लगभग दो महीने तक चलने वाला सीमा विवाद के बाद आखिरकार चीन की सेना पीछे हटने पर मजबूर हो गई है. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन ने 1.5 से 2 किमी तक अपने टैंट पीछे कर लिए हैं. ये टैंट चीने ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 से पीछे किए हैं. पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 वही जगह से जहां 15-16 जून की दरम्यानी रात भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. चीन ने ये टैंट डिसइंगेजमेंट के तहत पीछे हटाए हैं. दोनों देशों की सेना ने डिसइंगेजमेंट पर सहमति जताई है और सेनाएं मौजूदा स्थान से पीछे हटी हैं. इस डिसइंगेजमेंट के साथ ही भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच नियंत्रण रेखा पर बफर जोन बन गया है.


बता दें कि दोनों देशों की संनाओं के बीच तनाव अप्रैल के अंत में शुरू हुआ था. अब चुकि चीन की आर्मी पीछे हट गई है तो आइए जानते हैं पूरा टाइम-टाइन कब-कब क्या हुआ


1-दोनों देश की सेनाओं के बीच अप्रैल के अंत से लद्दाख के पेंगांग झील के किनारे तनाव बढ़ना शुरू हुआ.


2- इसके बाद तनाव और बढ़ गया और फिर 5-6 मई को लद्दाख में पेंगांग झील के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई. इस झड़प में दोनों ही देशों के कई सैनिक घायल हुए.


3-इसके बाद एक बार फिर दोनों देशों की सेनाओं के बीच जड़प हुआ. इस बार 9 मई को उत्तरी सिक्किम में सीमा के पास चीनी सैनिकों की भारतीय सैनिकों के साथ झड़प हो गई. इस बार भी मामला सैन्य स्तर पर बातचीत कर के सुलझा लिया गया.


4- एक बार फिर चीन की तरफ से नापाक कोशिश 12 मई को की गई, जब चीन के हेलिकॉप्टर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास उड़ान भरते रहे. हालांकि जल्द उन्हें भारत के सुखोई लड़ाकू विमानों ने उन्हें खदेड़ दिया. इसी दौरान चीन के सैनिक गलवां घाटी के पास भी इकट्ठा हो गए.


5- 23 मई को सेना प्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने लेह का दौरा किया. इसके बाद लद्दाख के पेंगांग झील और गलवान घाटी में चीन से तनाव और बढ़ गया.


6- 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के हालात पर अहम बैठक की


7- उधर 26 मई को ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी का आदेश दिया.


8- इसके बाद कई बैठकें हुई, 2 जून को दोनों सेनाओं की ओर से जनरल रैंक के अधिकारियों ने विवाद सुलझाने के लिए बैठक की. 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने चीन के मेजर जनरल लियू लिन के साथ बैठक की. 12 जून को गलवां क्षेत्र में उपजे विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों की ओर से मेजर जनरल स्तर की बातचीत हुई. हालांकि ये सभी बेनतीजा रही.


9- 15 जून को चीन ने सभी मर्यादाओं को तोड़ते हुए घुसपैठ की कोशिश की जिसका भारतीय सेनाओं ने डटकर मुकाबला किया. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो गई. इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे.


10-सेना प्रमुख नरवणे ने 23-24 जून को लेह-लद्दाख का दौरा किया. 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीसरी मीटिंग हुई. इसके बाद 3 जुलाई की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए अचानक से लेह पहुंच गए. उनके साथ सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी थे. इसके बाद आज यानी 6 जुलाई को चीन की सेना पीछे हट गई.