कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल के पटेल के बेटे फैसल पटेल कांग्रेस छोड़ सकते हैं. उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने ट्वीट में कहा कि मेरे पास विकल्प खुले हैं. मैं इंतजार करके थक चुका हूं. पार्टी आलाकमान की ओर से कोई प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है.  


पिछले महीने के अंत में अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने कहा था कि राजनीति में औपचारिक तौर पर आने को लेकर अभी 'आश्वस्त' नहीं हैं. हालांकि वह अपने गृह जिले भरूच और नर्मदा में 'पर्दे के पीछे से' पार्टी के लिए काम करेंगे. रविवार को एक ट्वीट कर फैसल ने कहा था, "1 अप्रैल से, मैं भरूच और नर्मदा जिलों की 7 विधानसभा सीटों का दौरा करूंगा. मेरी टीम राजनीतिक स्थिति की वर्तमान वास्तविकता का आकलन करेगी और हमारे मुख्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए जरूरत पड़ने पर बड़े बदलाव करेंगे." लेकिन उनके आज किए गए ट्वीट से सियासी गलियारों में सुगबुगाहट जरूर पैदा हो गई है.






कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था, "मैं फिलहाल राजनीति में नहीं आ रहा हूं और अभी पार्टी में शामिल होने को लेकर निश्चित नहीं हूं." हालांकि, फैसल ने कहा था कि अगर वह राजनीति में शामिल होते हैं, तो वह "चुनावी राजनीति में प्रवेश नहीं कर सकते, लेकिन पार्टी के लिए काम कर सकते हैं." गुजरात में साल के अंत तक चुनाव होने हैं और कांग्रेस विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी हुई है.


पार्टी में कब शामिल होंगे, इस बारे में पूछे जाने पर फैसल ने कहा था कि यह आलाकमान पर निर्भर है. लेकिन गुरुवार को ट्वीट करके फैसल पटेल ने पार्टी आलाकमान के प्रति नाराजगी जताई है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मैं इंतजार करके थक चुका हूं. मैं इंतजार करके थक चुका हूं. मेरे पास विकल्प खुले हैं. माना जा रहा है कि वह कांग्रेस छोड़ सकते हैं. 


गौरतलब है कि राहुल गांधी ने राज्य इकाई में जोश भरने के लिए कई बैठकें की हैं और पार्टी ने राज्य में पार्टी की तैयारियों को मजबूत करने के लिए रघु शर्मा को चार सचिवों के साथ नियुक्त किया है.


बता दें कि अहमद पटेल को सोनिया गांधी के 'सबसे शक्तिशाली' सहयोगियों में से एक माना जाता था. वह कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष भी थे. 2020 में अहमद पटेल का निधन हो गया था. अहमद पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव भी थे और यूपीए शासन के 10 वर्षों (2004-2014) के दौरान वह देश के शीर्ष तीन राजनेताओं में से थे. हालांकि उन्होंने अपने बेटे या बेटी मुमताज पटेल को राजनीति में एंट्री दिलाने में मदद नहीं की थी. उनके दोनों बच्चे अब तक चुनावी राजनीति में नहीं उतरे हैं.


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