तिरुमाला तिरुपति मंदिर लड्डू प्रसादम में मिलावट मामले पर सुनवाई में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पूछा कि जब जुलाई में पता चल गया कि घी अशुद्ध है तो तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने घी मंदिर पहुंचने की अनुमति क्यों दी. शुक्रवार (4 अक्टूबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट जांच के लिए स्वतंत्र एसआईटी टीम बनाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान कपिल सिब्बल ने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के आरोपों पर सवाल उठाए कि उन्हें कैसे पता चला कि प्रसाद में मिलावट हुई है.


जस्टिस भूषण रामकृष्णन गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने प्रसाद में मिलावट की जांच के लिए पांच सदस्यीय इंडीपेंडेंट स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) का गठन करने की अनुमति दे दी है. साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि कोर्ट को राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


कपिल सिब्बल पूर्व राज्यसभा सांसद और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी की ओर से कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्र जांच की जरूरत है. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने जो बयान दिए हैं, ऐसे में राज्य की ओर से गठित एसआईटी टीम से स्वतंत्र जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है. अगर उन्होंने बयान नहीं दिया होता तो अलग बात होती. 


आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कपिल सिब्बल की दलील पर कहा कि प्रसाद में मिलावट को लेकर नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NBBD) की लैब रिपोर्ट जुलाई में ही आ गई थी और उसके आधार पर ही चंद्रबाबू नायडू ने यह बात कही. इस पर कपिल सिब्बल ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील मुकुल रोहतगी को टोकते हुए पूछा, 'चंद्रबाबू नायडू को कैसे पता कि लड्डू प्रसाद में चर्बी का इस्तेमाल हुआ?' मुकुल रोहतगी ने जवाब दिया कि ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है. यहां कपिल सिब्बल ने मुकुल रोहतगी को फिर से टोका और कहा कि रिपोर्ट में तो वेजीटेबल फैट के उपयोग की बात कही गई है. 


इस दौरान जस्टिस केवी विश्वनाथन ने टीटीडी के वकील सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा से कहा कि 6 और 12 जुलाई को घी के दो कंसाइनमेंट पहुंचे और टीटीडी चेयरमैन ने ऑन रिकॉर्ड का है कि इन कंसाइनमेंट का उपयोग प्रसाद बनाने के लिए नहीं किया गया. तब एडवोकेट लूथरा ने कोर्ट को बताया कि ये दोनों कंसाइनमेंट अशुद्ध थे इसलिए इनका उपयोग प्रसाद में नहीं किया गया. तभी कपिल सिब्बल ने उनसे पूछा तो फिर दूषित घी को मंदिर तक पहुंचाने की अनुमति क्यों दी गई. इस पर एडवोकेट लूथरा ने जवाब दिया कि सप्लायर को यह कॉन्ट्रैक्ट दिसंबर में पिछली सरकार में दिया गया था. टीटीडी के पूर्व चेयरमैन सुब्बा रेड्डी का दावा है कि प्रसाद में अशुद्ध घी का उपयोग नहीं किया गया है.


जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि नई एसआईटी टीम में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और आंध्र प्रदेश पुलिस के दो-दो अधिकारियों के अलावा FSSAI का एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होगा. बेंच ने कहा, 'हम स्पष्ट करते हैं कि हम न्यायालय का राजनीतिक युद्ध के मैदान के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे लेकिन करोड़ों लोगों की भावनाओं को शांत करने के लिए हम चाहते हैं कि जांच एक स्वतंत्र एसआईटी से करवाई जानी चाहिए.'


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