Tirumala Temple: विश्व प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर के गर्भगृह में रुकेगी भक्तों की एंट्री, मढ़ा जाएगा सोना
Tirumala Tirupati Temple: आंध्र में तिरुमाला मंदिर के गर्भगृह को भक्तजनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, क्योंकि बोर्ड ने सोने की परत चढ़ाने का फैसला किया है. सबसे पहले 839 ईस्वी में मढ़ा गया था सोना.
Tirumala Golden temple sanctum close: भक्तजन अब शायद विश्व प्रसिद्ध तिरुमाला मंदिर (Tirumala Tirupati Temple) के गर्भगृह के दर्शन नहीं कर पाएंगे. मंदिर प्रबंधन के एक फैसले के कारण यहां का मुख्य गर्भगृह 2023 तक छह से आठ महीने तक बंद रहने की संभावना है. पदाधिकारियों के मुताबिक, मुख्य गर्भगृह के ऊपर आनंद निलयम पर सोने (Gold) की परत चढ़ाई जाएगी, जो कि तीन मंजिला होगी. जिसे "विमना" कहा जाएगा. यह गुंबद के आकारनुमा आकृति होती है, जो गोपुरम जैसी दिखती है.
तिरुमाला मंदिर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरुपति जिले में है. भक्तजनों की सबसे ज्यादा धनवर्षा इसी जगह होती है, इसलिए भगवान वेंकटेश्वर (Lord Venkateshwara) के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर को सबसे धनाढ्य देवालय भी माना जाता है. अब से पहले यह मंदिर कोरोना-काल में ही बंद किया गया था. उससे पहले तिरुपति बालाजी मंदिर 2018 में 80 दिन बंद रहा, तो सिर्फ कर्मचारियों के लिए खुला था. अब मंदिर प्रशासन ने एक बार फिर भक्तों के लिए अहम सूचना दी है.
6 से 8 महीने बंद रखा जा सकता है मुख्य गर्भगृह
तिरुमाला मंदिर प्रबंधन से जुड़े पदाधिकारी ने कहा कि जब तक मुख्य गर्भगृह के उूपरी हिस्से पर सोने की परत नहीं चढ़ा दी जाती, तब तक भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति की प्रतिकृति को मुख्य मंदिर के बगल में एक अस्थायी मंदिर में स्थापित किया जाएगा. बता दें कि, इस मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) करता है, जो भारत के सबसे अमीर मंदिरों का प्रबंधन है.
इससे पहले 1958 में चढ़ाई गई थी सोने की परत
मंदिर के मुख्य गर्भगृह के ऊपर आनंद निलयम पर पिछली बार सोना 1958 में चढ़ाया गया था, तब इस प्रक्रिया में लगभग आठ साल लग गए थे. सबसे पहले सोना 839 ईस्वी में पल्लव राजा विजय दंतिवर्मन द्वारा चढ़ाया गया था. उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार, तब से, 1958 के प्रयास सहित अब तक 7 बार सोना चढ़ाया गया है या कुछ बदलाव किए गए हैं.
दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है यह देवालय
तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है. हर साल यहां लाखों की संख्या में दर्शनार्थी आते हैं. समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थिम तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है. यह मंदिर कई शताब्दी पहले बना था. यह दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्प कला का अद्भुत उदाहरण है.
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