Tirupati BalaJi Temple: आंध्र प्रदेश के चित्तुर जिले की तिरुमाला पहाड़ियों पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर एक मार्च से मंदिर में  दर्शनार्थियों के लिए फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी वाले कैमरे का इस्तेमाल किया जाएगा. तिरुपति मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि 1 मार्च से ही वह तकनीकि का इस्तेमाल करेंगे. 


मंदिर प्रबंधन बोर्ड का कहना है कि इससे मंदिर में आने वाले हजारों भक्तों का फायदा होगा. पिछले हफ्ते TTD ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 3,096 करोड़ रुपये के अनुमानित वार्षिक बजट को मंजूरी दी थी.  


क्यों लिया गया है यह फैसला?
मंदिर प्रबंधन बोर्ड ने बताया, उन्होंने यह फैसला टोकन रहित दर्शन और आवास आवंटन प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए किया है. जिससे मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों का फायदा होगा और उनको जल्द से जल्द दर्शन मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए उनको बहुत इंतजार नहीं करना पडेगा. इस नई टेक्निक से मंदिर में आने वाले व्यक्ति एक साथ कई टोकन नहीं ले पाएंगे जिससे दर्शन प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी. 


कितनी है तिरुपति बालाजी की कुल संपत्ति?
पिछले साल नवंबर में, तिरुपति मंदिर (Tirupati Balaji Temple) ने 1933 में अपनी स्थापना के बाद पहली बार अपनी कुल संपत्ति घोषित की थी. दस्तावेजों के मुताबिक विश्व प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की कुल संपत्ति 2.5 लाख करोड़ रुपये (लगभग 30 अरब डॉलर) से अधिक है. अगर बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देखें तो वह देश की कई शीर्ष व्यापारिक कंपनियों से भी अधिक है. 


मंदिर की संपत्ति में बैंकों में जमा 10.25 टन सोना, 2.5 टन सोने के आभूषण, बैंकों में लगभग 16,000 करोड़ रुपये जमा और पूरे भारत में 960 संपत्तियां शामिल हैं. ये वो संपत्तियां हैं जो मंदिर में आने वाले श्रद्धालू भूमि पार्सल, भवन, नकदी और मंदिर के नाम पर बैंक में जमा करते हैं. 


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