तिरुपति लड्डू विवाद पर जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने हाईकोर्ट का रुख किया है. YSRCP की मांग है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच हाईकोर्ट के जजों की कमेटी करे. 


दरअसल, चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाए थे कि जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर में मिलने वाले प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाई गई. नायडू के आरोपों के समर्थन में उनकी पार्टी टीडीपी द्वारा गुजरात की एक लैब की रिपोर्ट भी सामने रखी गई है. इस रिपोर्ट में लड्डुओं में पशुओं की चर्बी और मछली के तेल मिलने की पुष्टि हुई है. 

YSRCP ने हाईकोर्ट से कमेटी बनाने की मांग की

YSRCP की ओर से पेश वकील ने हाईकोर्ट में तिरुमाला लड्डू विवाद के संबंध में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों का जिक्र किया. YSRCP की ओर से मुख्यमंत्री नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच या तो एक मौजूदा जज या हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त समिति द्वारा कराने की मांग की है. इस पर बेंच ने कहा, बुधवार को इस मामले में जनहित याचिका दायर करें, हम आपकी दलीलें सुनेंगे.

नायडू ने बुधवार को NDA विधायक दल की बैठक के दौरान दावा किया था कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया. हालांकि, टीडीपी चीफ के इन दावों पर वाईएसआरसीपी नेता और राज्यसभा सांसद वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने कहा कि नायडू के आरोपों से देवता की पवित्र प्रकृति को नुकसान पहुंचा है और भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.
लैब रिपोर्ट में क्या मिला?


टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने दावा किया कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है.


उन्होंने कथित लैब रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “पशु की चर्बी”, “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है. नमूने लेने की तारीख नौ जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी.