(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तिरुपति के लड्डू में चर्बी ने बदली साउथ की सियासत! हिंदू नेता के रूप में उभरे पवन कल्याण
Pawan Kalyan: आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तिरुपति मंदिर के लड्डुओं (प्रसाद) में कथित मिलावट के मामले पर अपना पक्ष मजबूती से रखा है. वो अब एक बड़े हिंदू नेता के रूप में आगे आ रहे हैं.
Pawan Kalyan: तिरुपति मंदिर के लड्डुओं (प्रसाद) में कथित मिलावट का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. देश भर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इस विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पवन कल्याण एक हिंदू नेता के रूप में आगे आ रहे हैं.
इस विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा था कि वह भगवान वेंकटेश्वर को प्रसन्न करने के लिए 11 दिनों की तपस्या करेंगे. वह 11 दिनों के दौरान एक विशेष पोशाक भी पहनेंगे, और दीक्षा पूरी होने के बाद,तिरुमाला मंदिर जाएंगे और लड्डू प्रसादम के अपमान के लिए पीठासीन देवता भगवान श्री वेंकटेश्वर से क्षमा मांगते हुए विशेष प्रार्थना करेंगे.
लड्डू प्रसादम विवाद पर मजबूती से रख रहे हैं अपना पक्ष
इस विवाद के बीच उन्होंने मजबूती से अपना पक्ष रखा है. साउथ फिल्म इंडस्ट्री के स्टार्स कार्थी और प्रकाश राज ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए थे तो उन्होंने करारा जवाब दिया था. कार्थी को जवाब देते हुए पवन कल्याण ने कहा था, "लोग लड्डू को लेकर मज़ाक कर रहे हैं. मैंने एक सिनेमा समारोह में ऐसा ही कुछ देखा जिसमें कहा गया था कि लड्डू एक संवेदनशील मुद्दा है. आप ऐसा कभी मत कहना. नहीं, ऐसा कहने की हिम्मत मत करना, प्लीज. मैं अभिनेता के तौर पर आपका सम्मान करता हूं, लेकिन जब सनातन धर्म की बात आती है, तो आपको एक शब्द कहने से पहले सौ बार सोचना पड़ेगा."
प्रकाश राज को जवाब देते हुए पवन कल्याण ने कहा था, "मैं आपका सम्मान करता हूं, प्रकाश राज, लेकिन धर्मनिरपेक्षता पारस्परिक होनी चाहिए. मुझे सनातन धर्म पर हमलों के बारे में चुप क्यों रहना चाहिए? फिल्म उद्योग को इन गंभीर मुद्दों को हल्के में नहीं लेना चाहिए."
लोग उन्हें कह रहे हैं 'संघी'
कई लोगों ने पवन कल्याण के रुख की सराहना की है. कुछ लोगों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि उन्होंने कार्थी, उनके भाई, अभिनेता सूर्या और उनके पिता शिवकुमार को माफी मांगने पर मजबूर किया, जबकि उन्हें द्रविड़ विचारधारा से सहानुभूति रखने वाला माना जाता है. लेकिन पवन कल्याण को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है. उनके रुख को नापसंद करने वालों ने उन्हें 'संघी' कह रहे हैं. उनके पिछले बयानों को खंगाला जा रहा है. उनकी टोपी पहने हुए तस्वीरें वायरल हो रही है. उनकी कई शादियों का मुद्दा उठाकर पूछा है कि क्या वह वास्तव में सनातन धर्म के रक्षक हैं.
राजनीति को सांप्रदायिक बनाने के आरोप लग रहे हैं
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की विचारधारा के समर्थक खास तौर पर दावा कर रहे हैं कि पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश की राजनीति को सांप्रदायिक बना दिया है. यह भी दावा किया जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का लाभ उठाया है. फिर भी पवन कल्याण जो कर रहे हैं वह महत्वपूर्ण है. राज्य में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण, मंदिरों में गैर-हिंदुओं की नियुक्ति और तिरुपति जैसे पवित्र स्थानों पर धर्मांतरण की गतिविधियां देखी गई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और उनके पिता स्वर्गीय वाई एस राजशेखर रेड्डी पर इन घटनाक्रमों को प्रोत्साहित करने का आरोप है.
उभर रहे हैं एक हिंदू नेता के रूप में
पवन कल्याण दक्षिण भारत में काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं. वो साउथ इंडस्ट्री के सबसे बड़े परिवारों में से आते हैं. ऐसे में वो साउथ में एक बड़े हिंदू नेता के रूप में उभर रहे हैं. उनकी इस लोकप्रियता का फायदा बीजेपी को भी मिल सकता है.