'पहले आस्था तो...', लड्डू विवाद के बीच जगन रेड्डी के तिरुपति मंदिर जाने से पहले BJP नेता ने दे दिया चैलेंज!
Tirupati Laddu Row: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के सामान्य नियमों के नियम संख्या 136 और 137 के अनुसार, केवल हिंदुओं को तिरुमाला मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
Tirupati Laddu Row: आंध्र प्रदेश बीजेपी ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी से कहा है कि वे तिरुपति मंदिर की अपनी निर्धारित तीर्थ यात्रा से पहले सार्वजनिक रूप से "अपनी आस्था दिखाएं". यह मांग ऐसे समय में उठाई गई है जब उनके कार्यकाल के दौरान बिकने वाले "प्रसाद" को लेकर आरोप लग रहे हैं.
जगन रेड्डी 28 सितंबर को तिरुमला हिल्स पर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का दौरा करने वाले हैं, जो उनके पार्टी की ओर से राज्यभर में आयोजित किए जा रहे मंदिर समारोहों का हिस्सा है. जगन रेड्डी के मंदिर में दर्शन किए जाने को लेकर विपक्षी नेता इसे 'प्रायश्चित' बता रहे हैं.
'गैर हिंदू को करना होती है आस्था की घोषणा'
आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रमुख डग्गुबाती पुरणेश्वरी ने कहा, "हमें पता चला है कि जगन मोहन रेड्डी इस महीने की 28 तारीख को तिरुमला जाने का इरादा रखते हैं. तिरुमला में किसी की आस्था की घोषणा करने की प्रथा दशकों से चली आ रही है. G.O. MS NO-311 के अनुसार, गैर-हिंदुओं को दर्शन से पहले वैकुंटम कतार परिसर में आस्था की घोषणा करनी होती है. यह TTD के सामान्य नियमों के तहत भी है, नियम 136 के अनुसार ऐसा करना होता है." पुर्णेश्वरी ने आगे कहा कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को "गरुड़ प्रतिमा" के पास अलिपिरी में अपनी आस्था की घोषणा करनी चाहिए.
We are given to understand that Jagan Mohan Reddy intends to visit Tirumala on the 28th of this month. The practice of declaring one's faith has been in vogue for decades in Tirumala. As per G.O. MS NO- 311 of AP Revenue Endowments--1, Rule no 16, Non Hindus must give a… pic.twitter.com/MKwafeXsDe
— Daggubati Purandeswari 🇮🇳 (@PurandeswariBJP) September 25, 2024
क्या कहते हैं मंदिर के नियम?
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के सामान्य नियमों के नियम संख्या 136 और 137 के अनुसार, केवल हिंदुओं को तिरुमाला मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए और प्रत्येक गैर-हिंदू को स्वेच्छा से अपने धर्म के बारे में टीटीडी को सूचित करना चाहिए और गैर-हिंदुओं के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद तिरुमाला मंदिर में प्रवेश पाने की अनुमति लेनी चाहिए.
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