Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर देशभर में राजनीति गरम है. प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जांच रिपोर्ट में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी होने की पुष्टि के बाद कई केंद्रीय मंत्री सहित आंध्र प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने सीबीआई जांच की मांग की है. वहीं अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.


SIT गठन कर जांच कराने की मांग की गई


तिरुपति के लड्डू प्रसाद में एनिमल फैट पाए जाने के मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. हिंदू सेवा समिति नाम की संस्था के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव की याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच के लिए SIT का गठन करने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस मामले से करोड़ों लोगों की धार्मिक भावना आहत हुई है. इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से हस्तक्षेप करने की मांग भी कर रहे हैं.


लड्डू की पवित्रता अब बेदाग- मंदिर ट्रस्ट


तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल घी की गुणवत्ता को लेकर श्रद्धालुओं की चिंताओं के बीच मंदिर के ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने बयान दिया कि इस पवित्र प्रसाद की शुचिता बहाल कर दी गई. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने शुक्रवार (20 सितंबर 2024) को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि श्रीवारी लड्डू की पवित्रता अब बेदाग है.


देश के सबसे अमीर मंदिर का प्रबंधन करने वाले बोर्ड ने शुक्रवार को खुलासा किया था कि उसे गुणवत्ता की जांच के लिए भेजे गए नमूनों में घटिया गुणवत्ता के घी और चर्बी की मिलावट का पता चला है. दो दिन पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि लड्डू में जानवरों की चर्बी की मिलावट है.


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