Tirupati Laddu Controversy: हिंदुओं को गोमांस की चर्बी खाने के लिए मजबूर किया गया: तिरुपति लड्डू विवाद पर बोले लेखक आनंद रंगनाथन
Tirupati Mandir Prasaad: टीडीपी का कहना है कि जगन मोहन रेड्डी सरकार ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का यूज किया.
Tirupati Laddu Controversy Latest News : तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी वाले तेल का इस्तेमाल के मामले में लेखक आनंद रंगनाथन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी की ओर से लैब रिपोर्ट जारी करने के बाद गुरुवार (19 सितंबर 2024) को उन्होंने आंध्र प्रदेश प्रशासन पर निशाना साधा.
रंगनाथन ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि वो स्थान जो हिंदू समुदाय में सर्वोच्च स्थान रखता है, वहां लाखों हिंदू भक्तों ने अनजाने में मंदिर में गोमांस की चर्बी खा ली, यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई या सार्वजनिक आक्रोश की कमी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों हिंदू भक्तों को राज्य की ओर से प्रबंधित सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक में धोखे से गोमांस की चर्बी खाने के लिए दिया गया और मामले का पता चलने के बाद भी अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, लोगों में भी कोई आक्रोश नहीं फैला है."
'हिंदुओं को गाली देना आसान, क्योंकि वे सिर नहीं काटते'
उन्होंने कहा कि अगर राज्य प्रायोजित इफ्तार पार्टी में परोसा जाने वाला हकीम सूअर के तेल में पकाया जाता तो देश में गृहयुद्ध छिड़ जाता. यह वह देश है जहां सबसे पवित्र हिंदू मंदिर को इस्लामी आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर दिया. यह वह देश है जहां के मंत्री खुलेआम सनातन धर्म को खत्म करना चाहते हैं और हिंदू धर्म को दुनिया के लिए खतरा बताते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं को गाली देना आसान है, क्योंकि वे अपराधियों का सिर नहीं काटते.
यह किस तरह का हिंदू राष्ट्र है?
रंगनाथन ने आगे कहा, "विडंबना यह है कि भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में ब्रांड किया गया है. मैं पूछना चाहता हूं कि यह किस तरह का हिंदू राष्ट्र है, जहां कम्युनिस्ट हिंदू मंदिरों को नियंत्रित कर रहे हैं. इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि यह आपदा इसलिए हुई क्योंकि राज्य ने मंदिर के प्रसाद की तैयारी में भी हस्तक्षेप किया. अनुबंध किए गए और निविदाएं दी गईं."
टीडीपी की ओर से दिखाए गए सबूतों के बाद से मची खलबली
बता दें कि इस मामले में गुरुवार को राजनीतिक विवाद तब शुरू हुआ जब नायडू ने दावा किया कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली सरकार ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं छोड़ा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया. टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने एक लैब रिपोर्ट भी शेयर की, जिसमें मंदिर में प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी में गोमांस की चर्बी", "लार्ड" और "मछली के तेल" की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.
ये भी पढ़ें