(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सैंपल रिजेक्टेड घी से लिए गए? सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर TDP की नायडू पर उठाए 6 बड़े सवाल
सुब्रमण्यम स्वामी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि आज उन्होंने एक जनहित याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के निराधार आरोपों की जांच के निर्देश देने की मांग की है.
Tirupati Temple Prasad Controversy: भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तिरुपति लड्डू प्रसाद बनाने में पशुओं की चर्बी के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए सोमवार (23 सितंबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने याचिका में अनुरोध किया है कि जांच अदालत की निगरानी में की जाए.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह आंध्र प्रदेश सरकार को लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी के स्रोत और नमूने पर एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दे. स्वामी ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि वह संबंधित अधिकारियों से विस्तृत फोरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अंतरिम निर्देश जारी करे.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस मामले को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के दायरे में ही निपटाया जाना चाहिए था, लेकिन इसका राजनीतिकरण किया गया. इस तरह भगवान वेंकटेश्वर के करोड़ों भक्तों को ठेस पहुंची है. सुब्रमण्यम ने याचिका में कुछ सवाल पूछे हैं-
- क्या प्रसाद की सैंपलिंग लैब-टेस्टिंग एजेंसी की ओर से की गई?
- सैंपिलिंग के लिए घी पूजा वाले घी से लिया गया या उस घी से लिया गया, रिजेक्ट किए गए सैंपल वाले घी से लिया गया
- जिस घी को मिलावटी बताया जा रहा है, उसका सप्लायर कौन है?
- क्या रिपोर्ट में गलत सकारात्मक परिणाम की गुंजाइश है?
- घी कब खरीदा गया था या टीटीडी की इंटरनल टेस्टिंग के बाद रिजेक्ट कर दिया गया था?
- क्या ऐसी रिपोर्ट जारी करने में किसी राजनीतिक हस्क्षेप को अनुमति होनी चाहिए और टीटीडी को नहीं होनी चाहिए?
याचिका में कहा गया है, 'प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ताओं की गुणवत्ता या उसकी कमी की निगरानी और सत्यापन के लिए आंतरिक रूप से अंकुश होना चाहिए था.' स्वामी ने अपनी याचिका के बारे में सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट भी किया.
उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'आज मैंने एक जनहित याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के निराधार आरोपों की जांच के निर्देश देने की मांग की है.' नायडू ने आरोप लगाया है कि तिरुपति तिरुमाला मंदिर के प्रसाद में जानवरों के मांस और अन्य सड़े हुए पदार्थों की मिलावट की गई है, जिससे भक्तों में अफरा-तफरी मच गई है.'
इसके अलावा, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने भी याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट रिटायर्ड जज के नेतृत्व वाली एक स्वतंत्र समिति द्वारा जांच कराये जाने का अनुरोध किया है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के इस दावे ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है कि वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार के दौरान तिरुपति के लिए लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि नायडू राजनीतिक लाभ के लिए 'घृणित आरोप' लगा रहे हैं.
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने 20 सितंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला है कि चयनित नमूनों में पशु वसा और चर्बी की मौजूदगी है और बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को काली सूची में डालने की प्रक्रिया में है.
यह भी पढ़ें:-
तिरुपति लड्डू विवाद में मोदी सरकार का बड़ा एक्शन! इस कंपनी को थमा दिया शो कॉज नोटिस