तिरुपति प्रसाद में मिलावट... ये चंद्रबाबू की रिपोर्ट में कहां? SC ने सख्त टिप्पणी करते हुए SG तुषार मेहता को दे दी अहम जिम्मेदारी
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि यह आस्था का मामला है और अगर लड्डू बनाने में दूषित घी का उपयोग किया गया हो तो ये अस्वीकार्य है.
तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 सितंबर, 2024) को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को फटकार लगाई है. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि कम से कम देवताओं को तो राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए. साथ ही कोर्ट ने सबूत मांगते हुए एन. चंद्रबाबू नायडू के इस दावे पर सवाल उठाया कि तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया गया. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भी ये बताने को कहा कि स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराएं या एसआईटी टीम ही करे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार जस्टिस भूषण रामाकृष्णन गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने आंध्र प्रदेश सरकार के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया ये लग रहा है कि लड्डू बनाने में इस घी का प्रयोग नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से साफ नहीं हो रहा कि किस घी का टेस्ट किया गया, ये लग रहा है कि जिस घी को रिजेटक्ट कर दिया गया था, ये उसका टेस्ट है.
कोर्ट ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने लड्डू प्रसाद में मिलावट का दावा 18 सितंबर को किया, जबकि मामले में प्राथमिकी 25 सितंबर को दर्ज की गई और विशेष जांच दल (SIT) का गठन 26 सितंबर को किया गया. बेंच ने कहा, 'एक उच्च संवैधानिक पदाधिकारी के लिए सार्वजनिक रूप से ऐसा बयान देना उचित नहीं है जो करोड़ों लोगों की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है.'
कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह निर्णय लेने में सहायता करने को कहा कि क्या राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए. बेंच कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल की अदालत की निगरानी में जांच की मांग भी शामिल है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का सबूत मांगा कि तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था. पीठ ने कहा, 'कम से कम, हम उम्मीद करते हैं कि देवताओं को राजनीति से दूर रखा जाएगा. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह आस्था का मामला है और अगर लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है. कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन अक्टूबर की तारीख निर्धारित की.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि राज्य में पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. इससे बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था. वाईएसआर कांग्रेस ने आक्षेप लगाया था कि नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए घृणित आरोप लगाया है.
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