नई दिल्ली: दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुई हिंसा मामले में आरोपी भीम सेना प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा, "आप ऐसे बर्ताव कर रहे हैं जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में हो. जहां पर कोई प्रदर्शन नहीं कर सकता और अगर पाकिस्तान में भी होता तो वहां पर भी प्रदर्शन हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान एक वक्त पर अखंड हिंदुस्तान का हिस्सा था."
जज ने दिल्ली पुलिस से कहा "क्या आपको लगता है कि हमारी दिल्ली पुलिस इतनी पिछड़ी हुई है कि उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है?" पुलिस की तरफ से दलील देते हुए कहा गया कि चंद्रशेखर ने प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली थी जिस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा,"कौन सी अनुमति की बात कर रहे हैं, हमने कई बार देखा है कि धारा 144 का खुलेआम उल्लंघन होता है. जिसमें कई बड़े नेता और खुद मुख्यमंत्री तक शामिल हैं और ये प्रदर्शन संसद भवन के बाहर तक होते देखा गया है. वैसे भी चंद्रशेखर तो एक युवा राजनेता हैं और उनके पास भी प्रदर्शन करने का अधिकार है." कोर्ट ने कहा कि यह किसने कहा कि आप शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकते? संविधान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार मिला हुआ है.''
चंद्रशेखर की जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि चंद्रशेखर ने विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ और आपत्तिजनक बयान दिए थे. जिस पर कोर्ट ने एक बार फिर दिल्ली पुलिस से सवाल किया, '' आखिर ऐसे क्या आपत्तिजनक बयान थे? ऐसे क्या भड़काऊ भाषण थे? जिसके आधार पर आपने चन्द्रशेखर को गिरफ्तार किया. लोकतंत्र में कोई भी शांतिपूर्वक विरोध कर सकता है बशर्ते वह कहीं से किसी तरह से माहौल ना बिगाड़ रहा हो"
पुलिस ने दलील देते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल के बाहर इस तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं होती है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि आप मुझे वह नियम दिखाइए जो कहता है कि किसी धार्मिक स्थल के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन नहीं हो सकता? चंद्रशेखर की जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमें जो ड्रोन फुटेज मिला है उसमें साफ तौर से दिख रहा है कि चंद्रशेखर किस तरह भीड़ को भड़काने वाला भाषण दे रहे हैं.
हालांकि चंद्रशेखर की तरफ से पेश हो रहे वकील ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई भाषण नहीं दिया है. वह सिर्फ सीएए और एनआरसी को लेकर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे और सिर्फ संविधान को पढ़ रहे थे. दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने के बाद अदालत ने पुलिस से एफआईआर की कॉपी पेश करने को कहा है. जिसके आधार पर पुलिस ने चन्द्रशेखर को गिरफ्तार किया था. जमानत याचिका पर सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी.
ये भी पढ़ें-
CAA: नागरिकता कानून पर बोले माइक्रोसॉफ्ट CEO सत्य नडेला- भारत में जो हो रहा है, वो दुखद