Tata Education Trust: टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) ने 100 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के अनुबंधों को समाप्त करने के अपने नोटिस को वापस ले लिया है. इससे पहले संस्थान के कुछ फैकल्टी मेंबर्स ने यह दावा किया था कि उनके अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं किया.


दरअसल, अनुबंध को लेकर संस्थान के कदम की शिक्षकों और छात्र संगठनों ने तीखी आलोचना की थी. कुछ फैकल्टी मेंबर्स ने नाम न बताने की शर्त पर रविवार (3, जून) को पीटीआई को बताया कि टीआईएसएस के चार परिसरों- मुंबई, तुलजापुर, हैदराबाद और गुवाहाटी में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का अनुबंध 30 जून को समाप्त होने वाला था. उन्होंने बताया कि उनमें से अधिकांश मुंबई के अलावा टीआईएसएस के अन्य परिसरों में काम करते थे.


टाटा एजुकेशन ट्रस्ट ने क्या कहा?


TISS ने कहा कि सभी संबंधित TET कार्यक्रम संकाय और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सेवा समाप्ति नोटिस तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है. कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे अपना काम जारी रखें, और संस्थान को TET सहायता अनुदान प्राप्त होने के बाद वेतन वितरित किया जाएगा.


28 जून को दी गई सदस्यों को जानकारी


एक सदस्य ने बताया कि ये अनुबंध टाटा ट्रस्ट से प्राप्त अनुदान से शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए जारी किए गए थे. सदस्य ने कहा, 'हमें 28 जून को अनुबंधों के नवीनीकरण न किए जाने के बारे में जानकारी दी गई थी. हमने टीआईएसएस प्रशासन से कहा कि जब तक टाटा ट्रस्ट से कोई जवाब नहीं आ जाता, तब तक वह (अनुबंधों के नवीनीकरण न किए जाने से संबंधित) पत्र जारी न करे. हम मिलकर समाधान खोजने का प्रयास करते हैं, लेकिन हमारी इस अपील को कोई समर्थन नहीं मिला.'


टीआईएसएस ने बयान जारी कर दिया आश्वासन


वहीं, टीआईएसएस ने कहा कि टाटा एजुकेशन ट्रस्ट (टीईटी) के साथ चर्चा से इस मुद्दे के समाधान के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला है. एक बयान में कहा गया, ''टाटा एजुकेशन ट्रस्ट के साथ चल रही चर्चाओं ने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे को हल करने के लिए टीआईएसएस को संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे. टीईटी ने टीईटी परियोजना/कार्यक्रम संकाय और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के वेतन के लिए धन जारी करने की प्रतिबद्धता जताई है.''


सदस्यों ने उठाए थे सवाल


इससे पहले सदस्य ने दावा किया, ''हमने पिछले महीने प्रशासन से वित्त पोषण की स्थिति के बारे में पूछा था और हमें बताया गया था कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, लेकिन अचानक नोटिस जारी कर दिए गए कि धन की कमी के कारण अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं किया गया है. यह प्रशासन का कुप्रबंधन है, जो आने वाले हालात का पूर्वानुमान नहीं लगा सका.'' उन्होंने दावा किया कि ऐसा लगता है कि यह जानबूझकर किया गया. 


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