नयी दिल्ली: ओडिशा में तितली चक्रवात और फिर आई बाढ़ के कहर में चार और लोगों के जान गंवाने की पुष्टि होने के बाद इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 61 हो गई है. राज्य के मुख्य सचिव ए पी पाढ़ी ने चक्रवात प्रभावित 17 जिलों में राहत एवं पुनर्निर्माण गतिविधियों की समीक्षा करने के बाद बताया कि 11 और लोगों के मरने की खबरों की जिला स्तर पर पुष्टि की जा रही है.


ए पी पाढ़ी ने बताया कि चक्रवात तथा इसकी वजह से बाई बाढ़ के कारण चार और लोगों की मौत हो गई. पाढ़ी ने बताया कि चक्रवात और बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में राज्य सरकार ने केंद्र को एक प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है तथा 1,000 करोड़ रूपये की अंतरिम राहत मांगी है. उन्होंने बताया कि अब तक 61 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से तीन समीपवर्ती आंध्रप्रदेश के मछुआरे हैं. ये लोग ओडिशा के तट पर मछली पकड़ने के दौरान मारे गए. उन्होंने ने बताया कि आपदा प्रभावित जिलों में राहत और पुनर्वास कार्य शुरू हो गया है. गंजाम जिले के सोरदा और दारिंगबाड़ी को छोड़ कर अन्य जगहों पर सड़कों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है.


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कहां से आया तितली तूफान का नाम


इस तितली तूफान के नाम पर चर्च करें तो इसके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं. इस तूफान का नाम पाकिस्तान ने ही तितली दिया है. दरअसल किसी भी तूफान का नाम आसान नामों पर रखने के पीछे यह कारण है कि जब इससे जुड़ी कोई भी चेतावनी या जानकारी दी जाए तो वह लोगों तक आसानी से पहुंचे.


क्या करें साइक्लोन आने से पहले?




  • मोबाइल फोन को चार्ज कर लें

  • मौसम विभाग की जानकारी के लिए रेडियो, टीवी देखें

  • अफवाहों पर ध्यान न दें

  • जरूरी सामान, दवाइयां, टॉर्च अपने पास रखें

  • जानवरों को खुला छोड़ दें


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साइक्लोन के दौरान क्या न करें?




  • बिजली के उपकरणों को बंद कर दें

  • दरवाजे, खिड़कियां बंद रखें

  • असुरक्षित घर, पेड़ के नीचे न रहें

  • बिना गरम किए पानी न पिएं.


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