नई दिल्ली: लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने वॉक आउट किया. इस पर पीएम मोदी ने एक शेर पढ़ते हुए विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूं, वो गजल आपको सुनाता हूं." उन्होंने कहा कि ये जो साथी चले गए हैं वो जिन चीजों के अंदर जीते हैं और पढ़ते हैं वही सुनाते हैं.


पीएम मोदी ने किसानों के साथ वार्ता की अपील दोहराई. उन्होंने कहा, "मैं एक बार फिर आंदोलन कर रहे किसानों से अपील करता हूं कि वह बातचीत के लिए आएं और हम सब मिलकर समस्याओं का समाधान करें. " उन्होंने कहा कि 'आंदोलनजीवी' देश को गुमराह कर रहे हैं. आंदोलनकारी और 'आंदोलनजीवी' में फर्क समझना होगा. देश को ऐसा आंदोलनजीवियों को पहचानना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि वे किसानों के आंदोलन को पवित्र मानते हैं. इसे अपवित्र करने की कोशिश हुई.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है. यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है. हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है. हमारे यहां एग्रीकल्चर समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है. हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं. हमने देश में बदलाव के लिए हर प्रकार की कोशिश की है. इरादा नेक हो तो परिणाम भी अच्छे मिलते हैं.


पीएम मोदी ने कहा, "हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों, पहली बात है कि लेना और नहीं लेना आपकी मर्जी है. ऑप्शनल है. मांगा और दिए का कोई मतलब नहीं है. इस देश में दहेज के खिलाफ कानून बने य किसी ने नहीं मांग नहीं की थी. तीन तलाक कानून की मांग किसी ने नहीं की थी फिर भी कानून बने. बाल विवाह के खिलाफ कानून बने ये किसी ने मांग नहीं की. शिक्षा के अधिकार की मांग किसी ने नहीं की फिर भी कानून बनाए गए."


कृषि कानून: पीएम मोदी का कांग्रेस पर निशाना, बोले- अच्छा होता कलर की बजाय कंटेंट पर चर्चा करते