Yusuf Pathan Vs Adhir Ranjan Choudhary: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस 'ऐकला चलो' की नीति पर चुनावी मैदान में उतर गई है. विपक्षी दलों के 'इंडिया गठबंधन' की सहयोगी टीएमसी-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बातचीत नहीं बनी. ऐसे में अब टीएमसी ने रविवार (10 मार्च) को 42 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. टीएमसी ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की बहरामपुर लोकसभा सीट पर जाने माने पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान को चुनावी पिच पर उतार दिया है.
दरअसल, बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट अधीर रंजन चौधरी की परंपरागत सीट मानी जाती रही है. अधीर रंजन इस सीट से 1999 से सांसद निर्वाचित होते आ रहे हैं. वह लगातार 5 बार इस सीट से ही चुनाव जीतते आ रहे है. हालांकि, कांग्रेस से पहले इस सीट पर आरएसपी का कब्जा रहा था.
बहरामपुर सीट दिलचस्प मुकाबला होने की उम्मीद
टीएमसी को ओर से अब क्रिकेट जगत के चर्चित चहेरे युसूफ पठान को यहां से उतारकर अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. वर्तमान सांसद और पूर्व क्रिकेटर के बीच चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की संभावना है. हालांकि, कांग्रेस की ओर से अभी अधीर रंजन चौधरी के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है. पश्चिम बंगाल की सीटों पर कांग्रेस की ओर से नामों का ऐलान करना बाकी है.
बहरामपुर सीट पर 52 फीसदी मुस्लिम वोटर
बात इस सीट पर मुस्लिम आबादी की करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार यहां बहरामपुर लोकसभा सीट पर तकरीबन 52 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. वहीं, 13.2 फीसदी एससी और 0.9 फीसदी एसटी वोटर हैं. ममता बनर्जी की ओर से इस सीट पर युसूफ पठान को अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ उनके गढ़ में उतारे जाने को मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करने के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है.
उधर, बीजेपी की ओर से 2 मार्च को जारी की गई कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट में पश्चिम बंगाल की 20 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए गए थे. इनमें बहरामपुर सीट से भी प्रत्याशी का ऐलान किया गया था. बीजेपी ने बहरामपुर सीट से डॉ. निर्मल कुमार साहा को चुनावी दंगल में उतारा है. इससे सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की प्रबल संभावना बन गई है.