TMC Lok Sabha Candidates: आखिर ममता बनर्जी ने क्यों काट दिया पांच सांसदों का टिकट, बेहद खास है वजह
TMC Candidates 2024: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में पांच मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए हैं और उनकी जगह नए चेहरों को उम्मीदवार बनाया है. इसकी वजह समझिए.
TMC Candidates In West Bengal: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा से पहले पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं और. टीएमसी ने पांच मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए हैं. इनमें बीजेपी छोड़कर टीएमसी में आए बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह, बसीरहाट सांसद नुसरत जहां, जादवपुर सांसद मिमी चक्रवर्ती और कांथी सांसद शिशिर अधिकारी और तमलुक सांसद दिव्येंदु अधिकारी शामिल हैं.
अर्जुन सिंह- बैरकपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद अर्जुन सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाटपाड़ा से तृणमूल कांग्रेस के विधायक थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने टिकट मांगा लेकिन नहीं मिलने पर तृणमूल छोड़कर बीजेपी में चले गए. बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर वह जीत भी गए लेकिन फिर 2021 के विधानसभा चुनाव में राज्य में जब बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो तृणमूल में लौट गए. उनके खिलाफ उन्हीं के क्षेत्र में तृणमूल के नेता लगातार मोर्चा खोले हुए थे और उन्हें टिकट नहीं देने की मांग कर रहे थे. तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया है कि उनके दल-बदल की वजह से पार्टी को भरोसा नहीं था. उनकी जगह पर राज्य में मंत्री पार्थ भौमिक को टिकट दिया गया है.
नुसरत जहां- बसीरहाट लोकसभा सीट से सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां 2019 में सांसद बनने के बाद से ही अपने संसदीय क्षेत्र से कटी रहीं. इसके अलावा कारोबारी निखिल जैन से शादी और फिर पति से अलग रहने को लेकर भी वह विवादों में रहीं. संदेशखाली जैसी बड़ी घटना के बावजूद वह संसदीय क्षेत्र में नहीं गईं, जिसकी वजह से पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया. उनकी जगह पूर्व सांसद हाजी नुरुल इस्लाम को टिकट दिया गया है.
मिमी चक्रवर्ती- जादवपुर क्षेत्र से तृणमूल की मौजूदा सांसद मिमी चक्रवर्ती का भी टिकट पार्टी ने काटा है, क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलकर चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई थी. इसके अलावा उन पर भी 2019 में सांसद बनने के बाद से संसदीय क्षेत्र के लोगों से नहीं मिलने के आरोप लगते रहे हैं. चुकी उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा पहले ही जाता दी थी, इसीलिए उनका टिकट काटा गया है. उनकी जगह तृणमूल की युवा नेता सायोनी घोष को उम्मीदवार बनाया गया है.
शिशिर अधिकारी- कांथी से सांसद शिशिर अधिकारी वरिष्ठ बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के पिता हैं. इसलिए पार्टी ने उन पर अविश्वास जताया है और टिकट नहीं दिया. उनकी जगह उत्तम बारीक को उम्मीदवार बनाया गया है.
दिव्येंदु अधिकारी- इसी तरह का एक और संसदीय क्षेत्र है तमलुक, जो अधिकारी परिवार का गढ़ है. यहां से शुभेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु अधिकारी तृणमूल के सांसद हैं लेकिन तृणमूल ने उनकी जगह देवांशु भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाया है.