TMC Protest In Krishi Bhavan: केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने पहुंचे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं ने अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में कृषि भवन के अंदर धरना दिया. बनर्जी ने दावा किया कि केंद्रीय मंत्री ने उन्हें मिलने का समय दिया था. इसके बावजूद उनसे मुलाकात नहीं की.  


इस बीच पुलिस ने पार्टी नेताओं को वहां से निकालने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने वहां से जाने से इनकार कर दिया. इसके चलते पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. पुलिस ने अभिषेक बनर्जी के साथ-साथ सांसद महुआ मोइत्रा को भी हिरासत में ले लिया. वीडियो में महुआ मोइत्रा को खींचकर ले जाते देखा जा सकता है. इस बीच तृणमूल कांग्रेस के मुताबिक उसके नेताओं को दिल्ली के मुखर्जी नगर में (किंग्सवे कैंप) उत्सव सदन ले जाया गया है. 


अभिषेक बनर्जी ने साध्वी निरंजन पर लगाया आरोप 
अभिषेक बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंगलवार (3 अक्टूबर) को साध्वी निरंजन के साथ हमारे मीटिंग तय थी. हमने 90 मिनट तक उनका इंतजार किया, उसके बाद हमसे कहा गया कि वह हमसे मुलाकात नहीं कर पाएंगी.


टीएमसी नेता ने कहा कि उनकी (साध्वी निरंजन) आज शाम 4 बजे शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात हुई, लेकिन हमें यहीं इंतजार कराया गया. अगर वह हमसे नहीं मिलना चाहतीं तो ठीक है, लेकिन हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे, यहीं बैठे रहेंगे.






साध्वी निरंजन ने किया आरोपों का खंडन
वहीं, केंद्रीयमंत्री साध्वी निरंजन ने टीएमसी के आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, "आज ढाई घंटे का समय व्यर्थ गया. आज तृणमूल के सांसदों की प्रतीक्षा करते करते 8 बजकर 30 मिनट कार्यालय से निकली हूं. मेरी जानकारी के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के सांसद और बंगाल के मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने कार्यालय में 6 बजे मिलने का समय लिया था."


उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, बाद में वे टीएमसी के कार्यकर्ताओं को जनता बताकर मिलाना चाह रहे थे, जो की कार्यालय की व्यवस्था के विरुद्ध था. वे मुलाकात के लिए के तय विषयों से वे पीछे हट गए, क्योंकि उनका उद्देश्य भेंट करना नहीं था, उनकी मंशा राजनीति करने की थी तृणमूल नेताओं द्वारा की गई यह अत्यंत शर्मनाक घटना है."


'प्रदर्शनकारियों को डराने की कोशिश'
इससे पहले टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को टीएमसी सांसदों, विधायकों और राज्य के मंत्रियों और पार्टी समर्थकों सहित मनरेगा मजदूरों के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने पश्चिम बंगाल को धन जारी करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एकत्रित करते हुए प्रदर्शनकारियों को डराने की कोशिश की. 


'टीएमसी के 50 नेताओं को रोकने की कोशिश'
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव बनर्जी ने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने टीएमसी के 50 नेताओं को रोकने के लिए करीब 5,000 से 10,000 पुलिस कर्मियों, आरएएफ और अन्य बलों को भेजा था. आज यहां सुरक्षाकर्मियों की संख्या को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे यहां भारत-चीन युद्ध हो रहा हो.


पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी ने बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य का 15,000 करोड़ रुपये बकाया रखने का आरोप लगाया है.


(इनपुट- भाषा से भी)


यह भी पढ़ें- ‘जितनी आबादी उतना हक’ पर अभिषेक मनु सिंघवी ने वापस लिया बयान, क्या है पूरा विवाद?