Political Conflict: हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में हार के बाद इंडिया गठबंधन में दरारें दिखाई देने लगी हैं. कांग्रेस पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है और अब अपने ही नेताओं के निशाने पर है. विशेष रूप से राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगे हैं. इस बीच ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व सौंपने की मांग ने जोर पकड़ा है. टीएमसी ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की बागडोर सौंपने की मांग कर रही है. इस विवाद के कारण कांग्रेस और टीएमसी के बीच तलवारें खींचती नजर आ रही हैं और गठबंधन में दरारों की शुरुआत हो चुकी है.


टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एक बयान में ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस को अहंकार त्यागना चाहिए और ममता को विपक्ष का चेहरा मान लेना चाहिए. उनका कहना था कि अगर बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है तो विपक्ष को एकजुट होकर ममता के नेतृत्व में काम करना होगा. क्योंकि ममता ही एकमात्र नेता हैं जो बीजेपी को हरा सकती हैं." उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष में नेतृत्व का अभाव है और ममता ही उस खाली जगह को भर सकती हैं.


कांग्रेस का टीएमसी पर पलटवार


इस बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी और ममता बनर्जी पर पलटवार किया. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कल्याण बनर्जी किस हैसियत से ये कह रहे हैं कि ममता को इंडिया गठबंधन का नेता बना दिया जाए. अधीर रंजन ने कहा कि टीएमसी अब एक राष्ट्रीय पार्टी नहीं रही बल्कि वह एक क्षेत्रीय पार्टी बन चुकी है और टीएमसी का लगातार राजनीतिक आधार सिकुड़ता जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि टीएमसी को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने के लिए कई प्रयास करने पड़े, लेकिन अब वह बंगाल तक सीमित रह गई है.


अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी के नेतृत्व को निशाने पर लेते हुए कहा “कुएं का मेंढक आसमान को अपने कुएं जैसा देखता है और टीएमसी की स्थिति ऐसी ही है.'' उन्होंने ये भी कहा कि यदि ममता बनर्जी खुद इंडिया गठबंधन के नेतृत्व की इच्छा रखती हैं तो उन्हें स्वयं ये बात सामने आकर कहनी चाहिए न कि टीएमसी के नेता कल्याण बनर्जी को ये बयान देने का अधिकार है. कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल उठाया कि ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में चुनाव प्रचार क्यों नहीं किया अगर उन्हें पूरे विपक्ष का नेतृत्व करना था.


ममता के सपने पर अधीर रंजन चौधरी ने कह दी बड़ी बात


अधीर रंजन चौधरी ने ममता के कथित इच्छा को "मुंगेरीलाल के हसीन सपने" करार दिया. उनका कहना था कि ममता बनर्जी का ध्यान सिर्फ बंगाल तक सीमित है और वे बाकी राज्यों में चुनावी प्रचार में सक्रिय नहीं रहतीं. उन्होंने ये भी कहा कि ममता के नेतृत्व में गठबंधन केवल बंगाल तक सीमित रहेगा और देशभर में विपक्ष को एकजुट करना मुश्किल होगा.


राहुल गांधी का नेतृत्व कायम रहेगा


अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. राहुल गांधी सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं जबकि टीएमसी कभी हां कभी ना करती रहती है. कांग्रेस का रुख ये है कि ममता बनर्जी को उनके राज्य बंगाल तक ही सीमित रहना चाहिए और भारत के बाकी हिस्सों में कांग्रेस ही विपक्ष का नेतृत्व करेगी.


ये भी पढ़ें: रुक गया युद्ध! इजरायल हिज्बुल्लाह के बीच सीजफायर, क्या हुई दोनों के बीच डील, पढ़ें बड़ी बातें