Lok Sabha Election: TMC की मांग- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हों लोकसभा चुनाव, अधीर रंजन बोले- संदेशखाली की जांच जरूरी
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने लोकसभा चुनाव को SC की निगरानी में कराने की मांग की है. इस मांग पर सवाल उठाते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा, संदेशखाली की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.
Lok Sabha Election: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि लोकसभा चुनाव सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हों. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, बीजेपी निर्वाचन आयोग जैसी संस्थाओं को नष्ट कर रही है. टीएमसी की इस मांग पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया. अधीर रंजन ने कहा, इलेक्शन कमीशन संवैधानिक संस्था है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस पर कैसे हस्तक्षेप कर सकती है. लेकिन संदेशखाली मुद्दे की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.
दरअसल, राज्यसभा में टीएमसी के नेता ने कहा कि क्या बीजेपी लोगों का सामना करने से इतनी घबरा गई है कि वह चुनाव आयोग को अपनी पार्टी के कार्यालय में बदल रही है? उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “बीजेपी की गंदी चालें भारत निर्वाचन आयोग (ईआईसी) जैसी संस्थाओं को नष्ट कर रही है. क्या भाजपा लोगों का सामना करने से इतनी घबरा गई है कि वह विपक्ष को निशाना बनाने के लिए ईसीआई को पार्टी के कार्यालय में बदल रही है?”
ओ ब्रायन ने कहा, ''निर्वाचित राज्य सरकारों के अधिकारियों के तबादले! स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए, हम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 2024 का चुनाव चाहते हैं.'' डेरेक ओ ब्रायन का ये बयान चुनाव आयोग के उस एक्शन के बाद आया, जिसमें पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार को हटाने का निर्देश दिया गया.
STORY | We want Supreme Court-monitored Lok Sabha election 2024: Derek O’Brien
— Press Trust of India (@PTI_News) March 19, 2024
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VIDEO: "The Election Commission is a constitutional body, and if the TMC has requested the Supreme Court to monitor the election, it's their choice. However, I urge that… pic.twitter.com/EOgwaEMZY1
अधीर रंजन ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और अगर टीएमसी ने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव की निगरानी करने का अनुरोध किया है, तो यह उनकी पसंद है. हालांकि, मैं अपील करता हूं कि संदेशखाली में जांच सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जानी चाहिए.