कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ही सत्तारूढ़ टीएमसी और राज्य में अपनी जगह बनाने की कोशिशों में लगी बीजेपी जीत के दावे कर रही है. इन दावों के बीच अब तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की जनता की नब्ज़ टटोलने की कोशिश की है. टीएमसी नेता और राज्यसभा सांसद शांतनु सेन के मुताबिक टीएमसी के आंतरिक सर्वे में ये बात निकलकर सामने आई है कि पार्टी 190 सीटों के सास पास जीत सकती है. बता दें कि साल 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत हासिल की थी.
टीएमसी का इंटरनल सर्वे बता रहा है कि राज्य में बीजेपी को 98 सीटें मिल सकती हैं. इस सर्वे के मुताबिक इस बार सीएम ममता बनर्जी की पार्टी को 51 फीसदी से थोड़ा ज़्यादा वोट मिल सकता है. टीएमसी के वरिष्ठ नेता और दमकल मंत्री सुजीत बोस ने दावा किया कि उनकी पार्टी इस बार के चुनाव में 200 के आस पास सीटों पर जीत हासिल करेगी.
टीएमसी नेता शांतनु सेन का दावा है कि इस बार के चुनाव में दार्जिलिंग, बीरभूम, मालदा , मुर्शिदाबाद , कूचबिहार, पश्चिम बर्धमान, नदिया और कोलकाता जिले में टीएमसी का वोट प्रतीशत बढ़ सकता है. हालांकि बीजेपी इस सर्वे को गंभीरता से नहीं ले रही है. शांतनु सेन का दावा है कि बंगाल के अलग-अलग जिलों में लोग सरकार के काम काज से खुश हैं.
पश्चिम बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष रितेश तिवारी का कहना है कि टीएमसी ने इस तरह का सर्वे इसलिए करवाया, ताकि अपने कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ा सके. उन्होंने कहा कि टीएमसी जानती है कि वो हार की कगार पर है. वास्तविकता देखें तो टीएमसी के 190 सीटों तक पहुंचने की कोई संभावना नज़र नहीं आती. इसके अलावा बीजेपी के अन्य नेताओं का कहना है कि बीजेपी ने जो 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, पार्टी उसके आस पास जरूर पहुंच सकती है.
2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजों को अगर देखें, तो बीजेपी विधानसभा के हिसाब से 121 सीटों पर आगे चल रही थी. बंगाल में 148 मैजिक फिगर है. बीजेपी के बड़े नेताओं का मानना है कि जिस तरह की विरोधी लहर है, उसमें बीजेपी ही सरकार बनाएगी. साथ ही साथ टीएमसी के छोटे बड़े नेता हर रोज़ बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. इससे बीजेपी राज्य में और मज़बूत हो रही है.
बीजेपी ने इस बार बंगाल को पांच जोन में बांटकर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. इसमें नॉर्थ बंगाल के सारे जिलों को मिलाकर नार्थ बंगाल जोन बनाया गया है. यहां 54 सीटें है और पार्टी सूत्रों के मुताबिक यहां बीजेपी 30 से 35 सीटें जीत सकती है.
पहाड़ी इलाके के बड़े नेता विमल गुरुंग इस बार बीजेपी के खिलाफ हैं. इसलिए वहां 7 लोकसभा केंद्रो में से 2 से ज़्यादा पर जीत हासिल करना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा. हालांकि विरोधी लहर की वजह से बीजेपी काफी उम्मीद में है. इसके अलावा बीजेपी बाकी जोन में भी शानदार सफलता की उम्मीद लेकर चल रही है.
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