TMC On Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल में संदेशखाली केस को लेकर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. यहां शुक्रवार (23 फरवरी) को बीजेपी सासंद सांसद लॉकेट चटर्जी समेत कई महिला नेताओं को धारा 144 के तहत क्षेत्र में जाते समय हिरासत में ले लिया गया, जिसके बाद नया विवाद खड़ा हो गया है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि संभवत: दिल्ली से निर्देश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्च में पश्चिम बंगाल आने तक संदेशखाली मुद्दे को जीवित रखा जाए, क्योंकि हर दिन बीजेपी नेता संदेशखाली का दौरा करने के लिए कतार में लगे रहते हैं."
6 मार्च को पीएम मोदी करेंगे रैली को संबोधित
पीएम मोदी अपने आधिकारिक कार्यक्रम के तहत एक और दो मार्च को पश्चिम बंगाल में रहेंगे और 6 मार्च को उत्तर 24 परगना में एक महिला रैली को संबोधित करेंगे. संदेशखाली भी उत्तर 24 परगना जिला में ही है. कुणाल घोष ने कहा, "लॉकेट चटर्जी अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं जाती हैं, बल्कि फोटोशूट कराने के लिए संदेशखाली जाती हैं."
संदेशखाली जा रही महिला टीम में सांसद लॉकेट चटर्जी, विधायक अग्निमित्रा पॉल, महासचिव और विधायक मधुचंद्र कर, उपाध्यक्ष, अधिवक्ता प्रियंका टिबरेवाल, राज्य सचिव सोनाली मुर्मू, फाल्गुनी पात्रा और पारोमिता दत्ता शामिल थी, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया. पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार शुक्रवार को संदेशखाली में थे, क्योंकि कुछ हिस्सों में शाहजहां शेख के खिलाफ फिर से प्रदर्शन शुरू हो गया था.
अभी तक 18 लोगों की हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें दो टीएमसी नेता और शाहजहां शेख का करीबी भी शामिल है. शाहजहां शेख जनवरी से ही फरार है, जब ईडी ने पहली बार उसके घर पर छापा मारा था.
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को संदेशखाली घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर गुरुवार (22 फरवरी) को हिरासत में लिया गया था. उन्होंने कहा था, "पुलिस ने हमें बलपूर्वक उठाया. मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और रिहा होने से पहले जमानत बांड पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया. हमें यहां धरने पर बैठने को लेकर गिरफ्तार किया गया था. हम तब तक अपनी आवाज उठाना और विरोध करना जारी रखेंगे जब तक हमारे कार्यकर्ताओं को संदेशखाली जाने की अनुमति नहीं दी जाती.”
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