Kunal Gosh News: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने अपना सोशल मीडिया बायो बदल लिया है. कुणाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना बायो बदलते हुए खुद को सिर्फ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है. इससे पहले उनके सोशल मीडिया बायो पर टीएमसी महासचिव होने की भी जानकारी थी. ऐसे में इस बात की चर्चाएं हो रही हैं कि कहीं वह टीएमसी महासचिव पद छोड़ने वाले तो नहीं हैं. बायो हटाने से पहले उन्होंने एक अजीबोगरीब ट्वीट भी किया था.


टीएमसी नेता ने अभी तक अपने इस कदम को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया है कि कुणाल घोष के साथ बातचीत चल रही है. वहीं, गुरुवार (29 फरवरी) को कुणाल घोष ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि नेता अक्षम, स्वार्थी और गुटबाजी करने वाले हैं. पूरे साल वे चीटिंग करते हैं और चुनाव करीब आने पर दीदी (ममता बनर्जी), अभिषेक (अभिषेक बनर्जी) और टीएमसी के नाम पर जीत हासिल करते हैं. ऐसा बार-बार नहीं होगा. उन्होंने इस ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया था.


कुणाल घोष का बायो


सुदीप बनर्जी से नाराज हैं कुणाल!


आनंद बाजार पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक, कुणाल घोष का इशारा उत्तरी कोलकाता के नेताओं और उनकी राजनीति को लेकर था. कहा जा रहा था कि कुणाल जिस नेता की बात कर रहे थे, वो तृणमूल सांसद सुदीप बनर्जी थे. कुणाल घोष और सुदीप बनर्जी के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. बताया गया है कि 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली 'जन गर्जना सभा' को लेकर सुदीप बनर्जी ने गुरुवार रात बैठक बुलाई. इसमें कुणाल घोष को निमंत्रण नहीं मिला, जिसकी वजह से वह नाराज चल रहे हैं.


टीएमसी ने केंद्र के खिलाफ किया 'जन गर्जना सभा' का ऐलान


दरअसल, टीएमसी ने 10 मार्च को केंद्र सरकार के खिलाफ 'जन गर्जना सभा' का ऐलान किया है. इसमें प्रमुख स्पीकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रहने वाली हैं. तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि 10 मार्च को केवल टीजर दिखेगा. असली फिल्म मतदान के दौरान दिखाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जन गर्जना रैली लोगों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए है, क्योंकि केंद्र ने लोगों का पैसा रोक दिया है. 730 दिन से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार फंड जारी नहीं कर रही है. 


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