Abhishek Banerjee Protests Rajbhavan: पश्चिम बंगाल में मनरेगा का फंड कथित तौर पर केंद्र की ओर से रोके जाने के खिलाफ अभिषेक बनर्जी ने अब कोलकाता में राजभवन के पास धरना शुरू कर दिया है. दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र के खिलाफ दो दिनों तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद तृणमूल कांग्रेस के महासचिव गुरुवार (5 अक्टूबर) की शाम राज भवन के पास धरने पर बैठे.
इस दौरान टीएमसी नेता ने कहा कि जब तक राज्यपाल (डॉ सी वी आनंद बोस) मनरेगा को लेकर दो सवालों का जवाब नहीं देते तब तक वह यहीं बैठे रहेंगे. उनके साथ पार्टी के नेता भी बड़ी संख्या में धरना मंच पर मौजूद हैं.
इससे पहले गुरुवार को कोलकाता के रवींद्र सदन से राज भवन तक तृणमूल कांग्रेस ने एक विशाल रैली भी निकाली. इसका नेतृत्व डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने किया. उनके साथ कोलकाता के मेयर सहित ममता कैबिनेट में मंत्री फिरहाद हकीम और अन्य नेता भी मौजूद थे.
रैली जब राज भवन पहुंची तो पार्टी नेताओं को बताया गया कि राज्यपाल फिलहाल मौजूद नहीं हैं. वह उत्तर बंगाल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने गए हैं. इसके बाद अभिषेक ने राज भवन के पास धरना की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जब तक राज्यपाल नहीं आते और हमारे दो सवालों का जवाब नहीं देते तब तक नहीं जाएंगे.
क्या है राज्यपाल से अभिषेक के सवाल?
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक अभिषेक ने कहा है, "हम बंगाल के राज्यपाल से दो स्पष्टीकरण चाहते हैं. बंगाल के 20 लाख मजदूरों ने मनरेगा के तहत काम किया है या नहीं? अगर, हां तो पिछले दो सालों से उनके मेहनताने का भुगतान रोकने के लिए किस कानून का सहारा लिया गया है?"
अभिषेक ने मनरेगा कथित फंड रोकने को केंद्र की जमींदारी परंपरा करार दिया और कहा, "हम जमींदारी की इस परंपरा को स्वीकार नहीं करेंगे. बंगाल इसके खिलाफ लड़ेगा. हम यहां राज भवन के बाहर अपना शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखेंगे. मैं तब तक यहां रहूंगा जब तक राज्यपाल हमारे प्रतिनिधि मंडल से नहीं मिलते और इन दो सवालों का जवाब नहीं देते."
क्या कहना है केंद्र सरकार का
इधर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में मनरेगा का फंड रोके जाने के आरोपों पर एक बयान जारी किया. गुरुवार को ही केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि मनरेगा का फंड जारी करने में कोई बाधा नहीं है, लेकिन पश्चिम बंगाल ने केंद्रीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया. इसलिए फंड जारी नहीं किया गया.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, "केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के कारण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की धारा 27 के प्रावधान के अनुसार 9 मार्च, 2022 से पश्चिम बंगाल राज्य का फंड रोक दिया गया है."
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 4 अक्टूबर तक योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये के बजट में से 56,105.69 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं. इसमें कहा गया है कि कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए धन की उपलब्धता कोई बाधा नहीं है.
दिल्ली में हुआ था तृणमूल का विरोध प्रदर्शन
आपको बता दें कि मनरेगा का फंड जारी करने को लेकर 2 अक्टूबर को अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पार्टी नेता, कार्यकर्ता और मनरेगा मजदूर पश्चिम बंगाल से दिल्ली पहुंचे, जहां महात्मा गांधी को श्रद्धंजलि देने के बाद उन्होंने केंद्र के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन के बाद 3 अक्टूबर को अभिषेक बनर्जी सहित तृणमूल के अन्य नेता केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने पहुंचे, लेकिन उनकी मुलाकात हो नहीं पाई. जिसके बाद टीएमसी नेताओं ने कृषि भवन धरना दिया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर करीब 2 घंटे बाद रिहा किया था.
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