BJP Nabanna March: पश्चिम बंगाल में कल यानी मंगलवार को बीजेपी की नाबन्ना रैली के दौरान हुए हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मी देबोजीत चटर्जी से मिलने पहुंचे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पुलिसकर्मियों की तारीफ की और कहा कि आपने उन्हें छोड़ दिया, आपकी जगह अगर मैं पुलिस की वर्दी में होता तो "मैं उन्हें सिर में गोली मार देता."


अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी रैली में शामिल प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा बल का उपयोग करने के बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के उकसावे का सामना करने में बहुत ही संयम दिखाया है. अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार की झड़पों के दौरान घायल हुए पुलिसकर्मियों में से एक से बुधवार को मुलाकात की.


अभिषेक बनर्जी ने कोलकाता पुलिस की तारीफ की


पुलिस कर्मी देबोजीत से मुलाकात के बाद अभिषेक बनर्जी ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा: "मैंने देबोजीत बाबू से कहा, 'मैं आपको सलाम करता हूं कि आपने कुछ नहीं किया है. अगर मैं आपकी जगह पर होता और अगर पुलिस की कारों में आग लगाई जाती और मेरे सामने पुलिसकर्मियों पर हमला किया जाता तो मैंने उन्हें यहीं सिर में गोली मार दी होती. आपने जो संयम, धैर्य और संवेदनशीलता दिखाई है, मैं आप जैसे अधिकारियों को सलाम करता हूं. क्योंकि ऐसे अधिकारी पुलिस बल में हैं, कोलकाता आज सबसे सुरक्षित शहर है. बीजेपी और सीपीएम के लोगों को यह जानना चाहिए."


झड़प में पुलिस कर्मी का हाथ टूटा


झंडा लहरा रहे प्रदर्शनकारियों के हिंसक हमले के बाद सहायक पुलिस आयुक्त देबोजीत चटर्जी का हाथ टूट गया है. इस हमले का वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें दिख रहा है कि जब पुलिस अधिकारी भागने की कोशिश कर रहे थे तो प्रदर्शनकारी उन्हें कैसे बांस के लंबे डंडों से पीट रहे थे. यह हमला और भी भयंकर तब हो गया, जब पुलिस ने बैरिकेड्स से उनका रास्ता रोक दिया था. इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया और इसमें देबोजीत गिर पड़े और उनका हाथ टूट गया. कुछ लोगों ने उन्हें बचाया, जो स्थानीय प्रतीत हो रहे थे.


तृणमूल नेता सौगत रॉय ने कहा-बीजेपी नेताओं ने ईंट-पत्थर फेंके


तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने कहा कि राज्य की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जबरदस्त संयम दिखाया है. उन्होंने कहा, "बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बेतरतीब ढंग से पत्थर और ईंटें फेंकी हैं. उन्होंने आईपीएस अधिकारियों सहित कई पुलिसकर्मियों को घायल किया है. उन्होंने बड़ा बाजार इलाके में कारों को तोड़ा है. बहुत कम बीजेपी के लोग घायल हुए हैं. हर टीवी स्क्रीन पर आप बीजेपी कार्यकर्ताओं को पत्थर फेंकते हुए देख सकते हैं." 


सौगत रॉय ने पूछा- उग्र प्रदर्शन देखते हुए भी पुलिस ने किसी पर गोली नहीं चलाई है. क्या आज पुलिस ने एक राउंड भी गोली चलाई है? उन्होंने उस समय की ओर इशारा करते हुए कहा, जब 1993 में तृणमूल कांग्रेस के 13 कार्यकर्ता पुलिस की गोलीबारी में मारे गए थे.


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