TMC Leader Madan Mitra on RSS: ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंकने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज यानी 23 जनवरी को 126वीं जयंती मनाई जा रही है. इस अवसर पर पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम हो रहे हैं. कोलकाता में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी हिस्सा लिया. इसको लेकर अब राजनीति शुरू हो चुकी है. 


टीएमसी नेता मदन मित्रा ने इस कार्यक्रम पर निशाना साधा है. उन्होंने नेताजी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी हमला किया है. टीएमसी नेता ने कहा, "नेताजी के नाम का उपयोग करने के लिए मोहन भागवत एक 'कलंक' हैं." उन्होंने कहा, "मुझे बताया गया है कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान में कहा कि आरएसएस नेताजी के बताए रास्ते पर चल रहा है. नेताजी ने अपने पूरे जीवन में कभी यह साबित करने की कोशिश नहीं की कि वह बंगाली हैं."


RSS चीफ पर मदन मित्रा का वार


आरएसएस पर हमला करते हुए मदन मित्रा ने कहा, "नेताजी ने कहा था 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' और वे (RSS-बीजेपी), लोगों से कह रहे हैं कि 'हमें देश भर में दंगे कराने के लिए खून चाहिए'. मैं बंगाल के लोगों से मोहन भागवत के इन प्रेरित, दुर्भावनापूर्ण बयानों के खिलाफ खड़े होने की अपील करता हूं." बता दें कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने शिरकत की थी. 


 






भागवत ने नेताजी के योगदान का जिक्र किया


संघ प्रमुख ने कहा, "नेताजी ने राष्ट्र के लिए बलिदान दिया था इसलिए उन्हें याद करना हमारा कर्तव्य है. प्रतिभाशाली होते हुए उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए वनवास की तरह बिता दिया. उनके कारण समाज में चेतना पैदा हुई. न जाने कितनी बार उन्हें जेल जाना पड़ा. उन्हें देश के बाहर जाकर सेना खड़ी करनी पड़ी लेकिन देश के लिए उन्होंने यह खुशी-खुशी किया. उन्होंने कड़ी मेहनत की. बदले में उन्हें कुछ नहीं मिला, हमने उनके लिए कुछ नहीं किया."


सबसे महत्वपूर्ण देश है- भागवत


नेताजी के योगदान का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा, "यदि भाग्य ने नेताजी का साथ दिया होता तो भारत पहले ही आजाद हो गया होता. नेताजी ने सबसे पहले सत्याग्रह में भाग लिया लेकिन जब उन्होंने महसूस किया कि इतना काफी नहीं है, तो उन्होंने इसके आगे और कदम उठाने शुरू कर दिए."


भागवत ने कहा, "सबसे महत्वपूर्ण देश है. हमें पहले देश की पूजा करनी चाहिए. भगवान की गिनती इसके बाद होती है. इसलिए भारत माता की जय के साथ ही प्रार्थना खत्म होती है."


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