Cash  For Query Case: लोकसभा की एथिक्स कमेटी तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद निशिकांत दुबे के लगाए कैश फॉर क्वेरी के आरोपों की जांच कर रही है. मोइत्रा को गुरुवार (2 नवंबर) को समिति के सामने पेश होना है. 


मोइत्रा के समिति के सामने पेश होने ठीक पहले मामले से जुड़े एक सूत्र ने दावा किया है कि टीएमसी सांसद के पार्लियमेंट्री अकाउंट से लगभग 47 बार दुबई से लॉग-इन किया गया था. सूत्रों ने मोइत्रा पर दुबई के एक जाने-माने कारोबारी दर्शन हीरानंदी के इशारे पर उनके संसदीय अकाउंट से सवाल पूछने का आरोप लगाया. 


पैसे लेने के आरोपों का नकारा
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मोइत्रा भी ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने लॉग-इन क्रेडेंशियल हीरानंदानी के साथ शेयर किए थे. महुआ मोइत्रा ने हीरानंदी को अपना करीबी दोस्त बताया. हालांकि, उन्होंने किसी भी तरह पैसे लेने से आरोपों को नकार दिया और कहा है उन्होंने संसद में जो भी सवाल पूछे वे उनके ही थे.


'मोइत्रा के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हों सांसद'
इस बीच निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "महुआ मोइत्रा की जो खबर मीडिया में चल रही है, उसके अनुसार 47 बार दुबई में हीरानंदानी के यहां से मेल आईडी, सांसद पोर्टल से लोकसभा में प्रश्न पूछे गए. अगर यह खबर सही है तो देश के सभी सांसदों को महुआ जी के भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना चाहिए."






राष्ट्रीय हित से समझौता करने का आरोप
निशिकांत दुबे ने उन पर संसदीय पोर्टल का लॉग-इन आईडी और पासवर्ड किसी दूसरे के साथ शेयर करने के लिए उनपर राष्ट्रीय हित से समझौता करने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


मोइत्रा की बढ़ी मुश्किलें
बता दें कि मामले की जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों की सहायता ली है. मंत्रालय ने समिति को मोइत्रा के सवालों की डिटेल दी है. इसके अलावा कारोबारी के हलफनामे ने भी मोइत्रा की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है. दरअसल, कारोबारी ने हलफनामे में मोइत्रा को अडानी ग्रुप और पीएम मोदी को लेकर सवाल पूछने के लिए रिश्वत देने की बात स्वीकार की है.


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