Notice Against Shubhendu Adhikari: शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) के विधानसभा में वापसी होने के साथ-साथ विधानसभा में छींटाकशी का दौर शुरू हो चुका है. टीएमसी के नैहाटी विधायक पार्थ भौमिक ने विपक्ष के नेता (LOP) शुभेंदु अधिकारी पर विधानसभा में उनके अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. विशेषाधिकार प्रस्ताव पारित कर पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने जांच समिति को संबोधित किया.
विधानसभा में शुभेंदु अधिकारी के विरुद्ध अधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है. तृणमूल विधायक पार्थ भौमिक ने आरोप लगाया है कि उनके अधिकारों का हनन किया गया है. बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने बताया कि शुभेंदु का बयान प्रिविलेज कमेटी को भेज दिया गया है. विशेषाधिकार समिति रिपोर्ट देगी.
शुभेंदु अधिकारी ने 15 जून को विधानसभा में कहा, 'स्पीकर कहते हैं कि मुकुल रॉय बीजेपी में हैं और मुकुल रॉय खुद जमीनी स्तर पर हैं. स्पीकर निगल या उल्टी नहीं कर सकते. बता दें कि मुकुल रॉय के दलबदल मामले के बारे में शुभेंदु अधिकारी ने 15 जून के विधानसभा हॉल में कहा कि स्पीकर का कहना है कि मुकुल रॉय बीजेपी में हैं और मुकुल रॉय खुद टीएमसी में हैं. स्पीकर निर्णय लेने में असमर्थ है.
विशेषाधिकार नोटिस जारी किया
दरअसल, वह नहीं जानते कि उन्हें क्या चाहिए. टीएमसी विधायक पार्था भौमिक ने शुभेंदु अधिकारी की टिप्पणी के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस जारी किया. अध्यक्ष ने कहा कि शुवेंदु अधिकारी का बयान विशेषाधिकार समिति को भेजा गया था. वह अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. पिछले हफ्ते, पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि मुकुल रॉय BJP विधायक हैं. अध्यक्ष का यह निष्कर्ष सुवेंदु अधिकारी द्वारा उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका के बीच आया है, जिसमें मुकुल रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी.
हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से मामले की समीक्षा करने को कहा था. बंगाल विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पहले के फैसले को बरकरार रखा कि मुकुल रॉय BJP विधायक बने रहेंगे.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिया था एक महीने की समय सीमा
बंगाल विधानसभा (Bengal Assembly) के अध्यक्ष विमान बंदोपाध्याय ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने मुझे इस मामले को निपटाने के लिए एक महीने की समय सीमा दी थी. मेरा स्पष्ट रूप से यह विचार है कि याचिकाकर्ता याचिका में दिए गए अपने तर्क के समर्थन में उसके द्वारा पेश किए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की सामग्री को साबित करने में विफल रहा है. ऐसे में मेरे पास 11.2.2022 को पूर्व में घोषित उसी निर्णय को बरकरार रखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है.
मुकुल रॉय ने जून 2021 में टीएमसी (TMC) में फिर से शामिल होने के लिए BJP के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर सीट से जीत हासिल की थी. इससे पहले, सुवेंदु अधिकारी ने उच्च न्यायालय में एक मामला दायर कर रॉय को पहले पीएसी के अध्यक्ष के पद से हटाने और दूसरी बार विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले को समाप्त करने के लिए कहा था कि मुकुल रॉय भाजपा विधायक थे या नहीं.
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