Abhishek Banerjee Vs Om Birla: लोकसभा में बुधवार (24 जुलाई) को केंद्रीय बजट 2024 पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला में तीखी नोकझोंक देखने को मिली. दरअसल, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने चर्चा के दौरान दावा किया कि सदन में तीन कृषि कानूनों पर चर्चा नहीं की जिन्हें बाद में वापस ले लिया गया था.
अभिषेक बनर्जी के दावे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति जताई और कहा कि इस सदन में तीन कृषि कानूनों पर करीब साढ़े पांच घंटे तक चर्चा हुई. बिरला की दावे पर अभिषेक ने जोर देकर कहा कि चर्चा नहीं हुई तो स्पीकर बोले कि जब अध्यक्ष बोलते हैं तो सही ही बोलते हैं और आपको रिकॉर्ड देखना चाहिए.
अभिषेक बनर्जी ने क्या आरोप लगाया?
तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने लोकसभा में कहा कि कृषि विधेयकों को किसान, किसान संगठनों या विपक्षी दलों के परामर्श के बिना ही पारित कर दिया गया. अभिषेक बनर्जी के आरोपों पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आपको खुद को सही करने की जरूरत है.
जवाहरलाल नेहरू का नाम क्यों लिया गया?
चर्चा के दौरान अभिषेक बनर्जी ने 2016 में की गई नोटबंदी का जिक्र किया जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि माननीय सदस्य आप वर्तमान बजट पर बात करें क्योंकि 2016 के बाद तो काफी समय निकल गया, इसके बाद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि कोई पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की बात बोलेगा तो आप कुछ नहीं कहेंगे और मैं 2016 की नोटबंदी की बात कर रहा हूं तो आप कह रहे हैं कि वर्तमान बजट पर बोलिए. अभिषेक बनर्जी बोले कि ये पक्षपात नहीं चलेगा क्योंकि जब कोई इमरजेंसी के मुद्दे को उठाता है तो आप चुप रहते हैं.
बजट पर क्यो बोले अभिषेक बनर्जी?
लोकसभा में टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने बजट पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर मैं बजट को एक लाइन में समझाऊं तो इसे मैं बिना किसी विजन वाला बजट कहूंगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को खुश करने के लिए बजट पेश किया न कि देश के 140 करोड़ लोगों के लिए. इस बजट में 140 करोड़ लोगों को की उम्मीदों को नजरअंदाज करके सिर्फ दो सहयोगियों के विश्वास को जीतने की कोशिश हुई.'
'मौसम बिगड़ने वाला है'
अभिषेक बनर्जी ने संबोधन के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गठबंधन का मतलब समन्यव होता है और कोई भी उसे मोदी 3.0 नहीं कह रहा. इस सरकार को खुद बीजेपी के मंत्री भी मोदी 3.0 नहीं कर रहे हैं. ये सरकार काफी अनिश्चित और नाजुक है और कभी भी गिर सकती है. संबोधन के आखिरी में वो बोले कि सब्र रखिए और कुर्सी की पेटी भी बांध लीजिए क्योंकि मौसम बिगड़ने वाला है.