TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन की दिल्ली पुलिस को चिट्ठी, मांगी गिरिराज सिंह के आवास पर धरने की अनुमति, मनरेगा श्रमिक भी होंगे शामिल
डेरेक ओ ब्रायन ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस को 2 और 3 अक्टूबर को जंतर मंतर, कृषि भवन और गिरिराज सिंह के आवास के बाहर धरना देने की अनुमति देने का अनुरोध किया है.
पश्चिम बंगाल के श्रमिकों को मनरेगा योजना के तहत मजदूरी से कथित तौर पर वंचित रखने के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओर ब्रायन ने दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति मांगी है. उन्होंने दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस को तीन चिट्ठी लिखकर 2 और 3 अक्टूबर को कृषि भवन और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन की अनुमति मांगी है. उनका दावा है कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल के श्रमिकों को मजदूरी देने से इनकार किया है.
डेरेक ओ ब्रायन ने अपने पत्र में लिखा, '31 अगस्त को भेजे गए पत्र के संदर्भ में मेरा आग्रह है कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को 2 और 3 अक्टूबर को 27 लोधी एस्टेट में ग्रामीण विकास और पंचायती राज के मंत्री श्री गिरिराज सिंह के आवास पर धरना करने की अनुमति दें. धरने में पश्चिम बंगाल के वे श्रमिक भी शामिल होंगे, जिन्हें मनरेगा के तहत मजदूरी देने से इनकार किया गया है.' डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उनके इस आग्रह पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. जल्द से जल्द इस पर अपडेट दिया जाए. इसके अलावा, कृषि भवन और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के लिए भी उन्होंने अनुमति मांगी है.
6 सितंबर को लिखे तीन पत्र
डेरेक ओ ब्रायन ने नई दिल्ली स्थित संसद मार्ग पुलिस थाने के पुलिस उपायुक्त को 6 सितंबर को तीन पत्र लिखे, जिनमें दो और तीन अक्टूबर को जंतर-मंतर, कृषि भवन के बाहर और केंद्रीय कृषि मंत्री गिरिराज सिंह के आवास पर धरना देने की मंजूरी की मांग की गई है.
तीन जगहों पर देंगे धरना
डेरेक ने पत्रों में दिल्ली पुलिस से तृणमूल कांग्रेस को दो और तीन अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक जंतर मंतर, कृषि भवन और मंत्री के आवास के बाहर धरना देने की अनुमति देने का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य के श्रमिक भी शामिल होंगे, जिन्हें मनरेगा योजना के तहत मजदूरी से कथित तौर पर वंचित कर दिया गया.
अभिषेक बनर्जी करेंगे धरने का नेतृत्व
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी ने अगस्त में दावा किया था कि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के राम लीला मैदान में अक्टूबर में उनकी विरोध-प्रदर्शन रैली को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
यह भी पढ़ें:
क्या इंडिया शब्द ब्रिटिश गुलामी का प्रतीक है, 4 प्वाइंट्स में समझिए भारत का नाम बदलना कितना मुश्किल?