नई दिल्लीः संसद की एक समित का निष्कर्ष है कि विमान यात्रियों के लिए निजी क्षेत्र की एयरलाइन इंडिगो का प्रदर्शन सबसे 'खराब' है जबकि एअर इंडिया की यात्री- सामान नीति सबसे अच्छी है. परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की इन विषयों पर ताजा रिपोर्ट की जानकारी देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य और समिति के अध्यक्ष डेरेक ओ-ब्रायन ने बृहस्पतिवार को संवाददता सम्मेलन में कहा कि त्योहारों के मौसम में कुछ एयरलाइनों द्वारा सामान्य किराये से 8-10 गुना अधिक किराया लिये जाने को समिति ने गंभीरता से लिया है. समिति की संसद में हाल में प्रस्तुत की गयी.


ओ-ब्रायन ने कहा, ''इस बात को लेकर हमारी समिति बिल्कुल स्पष्ट है कि यात्रियों के लिए इंडिगो सबसे खराब एयरलाइन है. सभी 30 सदस्य इस बात को लेकर सहमत हैं. कई शिकायतों के बावजूद इंडिगो ने उन पर गौर नहीं किया. ग्राहकों से व्यवहार एवं सामान का वजन केवल एक से दो किलोग्राम अधिक होने पर जिस तरह वे शुल्क वसूलते हैं...''


उन्होंने कहा, ''(समिति) का हर सदस्य कुछ निजी एयरलाइनों के परिचालन के तरीके से निराश हैं लेकिन इंडिगो के मामले में कुछ ज्यादा निराश हैं. वह एयरलाइन बहुत अशिष्ट है. एयरलाइन का रुख बहुत हठी है और कई बार वह सामान का वजन एक से दो किलोग्राम अधिक होने पर भी शुल्क वसूलते हैं. समिति इससे नाखुश है और उसने मामले को गंभीरता से लिया है.''


टीएमसी सासंद ने कहा कि यह केवल उनके विचार नहीं है बल्कि समिति के सभी सदस्यों की राय भी कुछ इसी प्रकार की है. उल्लेखनीय है कि समिति में कई दलों के सदस्य शामिल हैं.


तृणमूल नेता ने कहा कि विमानन क्षेत्र में कई तरह की समस्याएं हैं. उन्होंने कहा, ''समिति ने सिफारिश की है कि टिकट को रद्द कराने का शुल्क मूल किराये का 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. कर और ईंधन अधिभार यात्रियों को वापस किया जाना चाहिए. एयरलाइन बहुत अधिक धन वसूल रहे हैं.''


सामान से जुड़ी नीति के बारे में उन्होंने कहा कि सरकारी एयरलाइन की इससे जुड़ी नीति सबसे अच्छी है और अन्य विमानन कंपनियों को भी सामान की सीमा बढ़ानी चाहिए.


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