TMC सांसद का लोकसभा में जोरदार भाषण, दिनकर और राहत इंदौरी की कविता के साथ बताए फासीवाद के 7 संकेत
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी की सरकार पर देश को फासीवाद की तरफ धकेलने के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इन खतरों से हमें लड़ना होगा.
नई दिल्ली: संसद में कल वैसे तो विपक्षी दलों के कई नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरा और शाम होते-होते पीएम मोदी ने भी जवाब दिए. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की महिला सांसद ने अपने भाषणों के जरिए सभी का ध्यान खींचा.
बैंकिंग क्षेत्र की कंपनी जेपी मार्गन की उपाध्यक्ष रह चुकीं महुआ मोइत्रा ने अपने भाषणों में राष्ट्रकवि दिनकर से लेकर राहत इंदौरी की कविताओं का जिक्र किया और बीजेपी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
पश्चिम बंगाल के कृष्णनगर से सांसद महुआ मोइत्रा ने फासीवाद की ओर जाने के सात संकतों को गिनाते हुए कहा कि इससे बचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज संविधान खतरे में है और हमारा काम संविधान की रक्षा करना है. उन्होंने सबसे पहले एनआरसी का जिक्र किया. इस दौरान बीजेपी सांसदों ने हंगामे किए.
मोइत्रा ने कहा, ''पिछले पांच सालों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ने देश को अंधकार में धकेला हुआ है. इस देश को तोड़ा जा रहा है. नागरिकों को उनके घरों से बाहर निकाला जा रहा है और उन्हें अवैध अप्रवासी कहा जा रहा है. जो लोग पिछले 50 साल से इस देश में रह रहे हैं उन्हें अपनी नगारिकता साबित करने के लिए दस्तावेज दिखाने के लिए कहा जा रहा है. यहां मंत्री अपने स्नातक को साबित करने के लिए एक डिग्री तक नहीं दिखा सकते और आप आम लोगों से यह उम्मीद करते हैं कि वह अपनी नगारिकता को साबित करने वाला दस्तावेज आपके सामने रखें. धर्म देखने के लिए नारे और चिह्न का इस्तेमाल किया जा रहा है. कोई चिह्न नहीं हो सकता है राष्ट्रीयता परखने की.''
मोइत्रा ने दूसरे संकेत में कहा ''2014 से 2019 तक घृणा अपराध की संख्या में दस गुना वृद्धि हुई है. इस देश में ऐसी ताकतें हैं जो घृणा अपराध की संख्या को लगातार बढ़ा रही है. चाहे वह राजस्थान में पहलू खान की लिंचिंग हो या बीते दिन झारखंड में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग. यह सूची रुक नहीं रही है.'' मोइत्रा ने तीसरे प्वाइंट में कहा कि आज मीडिया को कंट्रोल किया जा रहा है.
उन्होंने कहा ''यह चुनाव व्हाट्सएप और फेक न्यूज के माध्यम से लड़ा गया था. बार-बार झूठ बोला गया.'' मोइत्रा ने कहा कि बीजेपी की राष्ट्रीयता नकली है. इस बार का लोकसभा चुनाव किसानों और रोजगार के मुद्दे पर नहीं लड़ा गया. दे
मोइत्रा ने चौथे प्वाइंट में राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''कुछ सालों से राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर ‘काले भूत’ के जरिए डराया जा रहा है. सेना की उपलब्धियों को खुद की उपलब्धी के रूप में गिनाया जा रहा है. आतंकवादी हमले बढ़े हैं. जवानों की शहादतक की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.''
टीएमसी सांसद ने पांचवें प्वाइंट में कहा, ''सांसद आज 2.77 एकड़ जमीन (राम जन्मभूमि) में दिलचस्पी ले रहे हैं. यह सिर्फ 2.77 एकड़ जमीन का मुद्दा नहीं है. ये सारा देश 80 करोड़ एकड़ जमीन को अखंड रखने का प्रश्न है.'' उन्होंने छठे प्वाइंट में कहा कि शिक्षा पर बजट को कम किया जा रहा है. वैज्ञानिक पढ़ाई को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. भारत को पीछे धकेला जा रहा है. प्रश्न करने वालों को चुप कराया जा रहा है.
इसी दौरान उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कविता का जिक्र किया. ''हां हां दुर्योधन बांध मुझे. बांधने मुझे तो आया है, जंजीर बड़ी क्या लाया है?...सूने को साध न सकता है, वह मुझे बांध कब सकता है?''
सातवें प्वाइंट में उन्होंने चुनाव आयोग का जिक्र किया और कहा कि इसे कंट्रोल किया जा रहा है. सत्तारूढ़ दल ने चुनाव में सबसे अधिक खर्च किया. उन्होंने कहा कि ये सभी फासीवाद की ओर जाने के संकेत हैं. उन्होंने अपने भाषण का अंत राहत इंदौरी की कविता से किया. ''जो आज जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है.''