TMC MP Mahua Moitra on Judge Loya Death: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान शुक्रवार (13 दिसंबर, 2024) को तृणमूल कांग्रेस सदस्य महुआ मोइत्रा की कुछ टिप्पणियों पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी. मोइत्रा ने जस्टिस बी एच लोया की मौत ‘समय से बहुत पहले’ होने की बात कही जिस पर सदन में हंगामा हुआ और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें ‘उचित संसदीय कार्रवाई’ की चेतावनी दी.


मोइत्रा ने सदन में 'संविधान के 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "पिछले दस वर्ष में राजनीतिक ओहदेदारों ने लोकतंत्र को क्रमिक तरीके से नुकसान पहुंचाया है."


इसी क्रम में उन्होंने सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि राजनाथ सिंह ने 1976 के दशक में कांग्रेस के शासनकाल में न्यायमूर्ति एच आर खन्ना से जुड़े घटनाक्रम का जिक्र किया था. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी को याद दिलाना चाहती हूं कि न्यायमूर्ति खन्ना 1976 के बाद भी 32 साल तक रहे जिसमें अधिकतर समय कांग्रेस की सरकार थी और उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी."


जज लोया का सदन में जिक्र और हंगामा


मोइत्रा ने एक अन्य दिवंगत न्यायाधीश का नाम लेते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि "न्यायमूर्ति लोया तो अपने समय से बहुत पहले इस दुनिया से विदा हो गए." तृणमूल कांग्रेस सांसद के भाषण के बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाते हुए आपत्ति जताई. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने जब यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया तो पीठासीन सभापति कुमारी सैलजा ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी.


इसके बाद में आसन पर अध्यक्ष ओम बिरला आसीन हुए और उनके अनुमति देने के बाद दुबे ने कहा कि न्यायमूर्ति बी एच लोया की मौत का जिक्र तृणमूल कांग्रेस सांसद ने किया है, जबकि उनकी असामयिक मौत की पुष्टि अन्य न्यायाधीशों ने भी की थी. भाजपा सांसद ने मोइत्रा के इस बयान और एफसीआरए को लेकर की गई टिप्पणी को प्रमाणित करने को कहा.


महुआ के बयान पर कार्रवाई की चेतावनी


संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "सदस्य ने न्यायमूर्ति लोया के बारे में जो कहा वह बहुत गंभीर विषय है. न्यायपालिका में सारा मामला खत्म हो चुका है. यह एक ‘सेटल्ड केस (सुलझ चुका मामला)’ है. इसमें किसी हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठता." उन्होंने कहा कि सदस्य ने जिस तरह का बयान दिया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.


रिजिजू ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, "अध्यक्ष ने मामले को संज्ञान में लिया है. मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि इस पर कार्रवाई होगी. हम लोग की तरफ से उचित संसदीय कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की टिप्पणी पर आप बच नहीं सकते. यह गलत परंपरा है."


सदन के बाद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, "लोग यह रिपोर्टिंग कर रहे हैं कि संसदीय कार्य मंत्री ने मुझे चेतावनी दी. बल्कि मुझे धमकाने के लिए उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. उनके बयान हटाये जाने चाहिए, मेरे नहीं."






ये भी पढ़ें:


चीन की वो 'अदृश्य ताकत', जो मोसाद-CIA-MI6 को भी रखती है नाकों चने चबवाने का दम!